पाक क्रिकेटर शोएब मलिक ने बताया, कब लेंगे टी-20 क्रिकेट से संन्यास
कराची
पाकिस्तान के सीनियर हरफनमौला क्रिकेटर ने शोएब मलिक टेस्ट और वनडे क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। मलिक अभी टी-20 क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन उन्होंने टी-20 क्रिकेट को अलविदा कहने को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह अक्टूबर में होने वाले टी-20 विश्व कप के समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास पर फैसला लेंगे। शोएब मलिक की उम्र 38 साल है। वह पहले ही टेस्ट (35 मैच) और वनडे (287 मैच) से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन दुनिया भर के विभिन्न लीग मैचों के अलावा पाकिस्तान के लिए भी टी-20 मैच खेलते हैं। उन्हें 113 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का अनुभव है।
क्रिकेट से रिटायरमेंट पर शोएब मलिक ने कहा, ''विश्व कप में अभी समय है और अभी मेरा ध्यान पाकिस्तान सुपर लीग के साथ पाकिस्तान के आगामी मैचों पर है। जब हम विश्व कप के करीब पहुंचेंगे तब देखेंगे क्या करना है।''
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा, ''विश्व कप के करीब मुझे अपनी फिटनेस और राष्ट्रीय टीम में जगह को देखना होगा। उसके बाद भी मैं संन्यास पर अंतिम फैसला लूंगा।'' बता दें कि मलिक ने 2015 में टेस्ट करियर को अलविदा कह दिया था। इंग्लैंड के खिलाफ 245 रनों की यादगार पारी खेलने के बाद शोएब ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। उन्होंने 35 टेस्ट खेले हैं और तीन शतक लगाए हैं।
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच हुए मैच के बाद शोएब मलिक ने वनडे क्रिकेट से भी संन्यास का ऐलान कर दिया था। वर्ल्ड कप में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को हराकर अपने अभियान का विजयी अंत किया था। मलिक को हालांकि बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उतरने का मौका भी नहीं मिल पाया था। जीत के बाद पूरी पाकिस्तानी टीम ने उन्हें ग्राउंड वॉक और गार्ड ऑफ ऑनर देकर विदाई दी थी।
शोएब मलिक ने अपने करियर में 287 वनडे खेले हैं। इसमें उन्होंने 34.55 की औसत से 7534 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने नौ शतक और 44 अर्धशतक लगाए। उन्होंने वनडे क्रिकेट में 158 विकेट भी हासिल किए हैं। शोएब मलिक ने इस वर्ल्ड कप में सिर्फ तीन मैच खेले थे। भारत के खिलाफ सस्ते में आउट होने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें आगे किसी मैच में नहीं खिलाया था। इसके बाद वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के आखिरी मैच में उन्होंने वनडे करियर को अलविदा कह दिया था।
बता दें कि शोएब मलिक ने सभी फॉर्मेट मिलाकर पाकिस्तान के लिए 56 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से टीम को 36 में जीत और 18 में हार का सामना करना पड़ा है।