मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने की खातिर 1250 KM पैदल चला शख्स
नई दिल्ली
हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिलाने के उद्देश्य के साथ 63 बरस के तारक पारकर 15 दिसंबर 2019 को खरगौन (मध्य प्रदेश) से शुरू पद यात्रा को पूरी कर गुरूवार को मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम पहुंचे। तारक ने अपनी 1250 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी करने के बाद दद्दा की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। बुधवार रात वह बदरपुर पहुंचे और वहां से गुरूवार को नेशनल स्टेडियम पहंचे।
युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का संदेश देने वाले तारक 1978 में नेपाल की 1600 किलोमीटर पैदल यात्रा सहित अब तक देश भर में 30 हजार किलोमीटर से अधिक की पदयात्राएं कर चुके हैं। तारक का दिल्ली तक की इस पदयात्रा में जगह-जगह स्वागत और सम्मान किया गया। इस मौके पर पारकर के साथ ध्यानचंद के पुत्र और पूर्व ओलंपियन अशोक कुमार सिंह, भारत के पूर्व कोच एमके कौशिक, रोमियो जेम्स, अब्दुल अजीज और पूर्व अंतरार्ष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान भी मौजूद थे।
तीन साल पहले पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए तारक पिछले करीब चार दशक से देश भर में युवाओं को 'नशा छोड़ें, खेलों से जुड़ें तथा पैदल चलें स्वस्थ रहें' का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने अपने इस उद्देश्य के लिए कहा कि जब 1978 में अपनी 1600 किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान दद्दा से झांसी में मिला तो दो दिन तक उनके घर पर रहने के साथ उनका मुरीद हो गया। मैं रोज करीब 40 किलोमीटर पैदल चला। मैं उम्मीद करता हूं कि सरकार ध्यानचंद को जल्द भारत रत्न से नवाजेगी। यदि ऐसा नहीं होता तो मैं खरगौन में रोज एक घंटे धरना दूंगा।