टीबी पर कार्यशाला, एम्स में जुटेंगे देश के सौ विशेषज्ञ डॉक्टर
रायपुर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर में इस माह दो महत्वपूर्ण कार्यशालाएं होने जा रही हैं जिसमें देशभर के विशेषज्ञ दो महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। पहली कार्यशाला 18 और 19 फरवरी को टीबी पर होगी जिसमें पांच राज्यों के टीबी पर कार्य कर रहे चिकित्सक भाग लेंगे जबकि दूसरी सीएमई 28 फरवरी को होगी जिसमें देशभर के 52 मेडिकल कालेज टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिए जुडक? एम्स में फिजिकल मेडिसिन और रिहेब्लिटेशन विषय के कई बिंदुओं पर नई तकनीक और इलाज की पद्धति के बारे में विचार-विमर्श करेंगे।
पल्मोनरी मेडिसिन और टीबी विभाग के तत्वावधान में टीबी पर बनी जोनल टास्कफोर्स की कार्यशाला 18 और 19 फरवरी को एम्स में आयोजित होगी। इसमें छत्तीसगढ़ के अलावा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड के लगभग 100 चिकित्सक शामिल होंगे। इसमें इन राज्यों के स्टेट टास्क फोर्स के समन्वयक और 60 मेडिकल कालेजों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस कार्यशाला में प्रमुख रूप से टीबी के वर्ष 2025 तक उन्मूलन के बारे में रणनीति पर विचार किया जाएगा।
एम्स छत्तीसगढ़ में टीबी के उन्मूलन का केंद्र है। यहां के अनुभवों को चिकित्सक अन्य प्रदेशों के विशेषज्ञों के साथ साझा करेंगे साथ ही इन प्रदेशों में आ रही चुनौतियों के बारे में भी विमर्श किया जाएगा। केंद्र सरकार की योजना वर्ष 2025 तक भारत में टीबी के उन्मूलन की है इसमें उक्त पांच प्रदेशों की सक्रिय भूमिका आवश्यक होगी। कार्यशाला में इसकी रणनीति को मूर्तरूप दिया जाएगा।
एम्स के फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेब्लिटेशन विभाग के डॉ. जयदीप नंदी ने बताया कि विभाग की ओर से 28 फरवरी को चैलेंजेज एंड स्कोप आॅफ रिहेब्लिटेशन विषय पर सीएमई आयोजित की जा रही है। इसमें देशभर के 52 मेडिकल कालेजों के विशेषज्ञ टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से एम्स रायपुर के साथ जुडक? शरीर के किसी एक भाग में चोट की वजह से दिव्यांग होने वाले रोगियों की स्थिति में सुधार के उपायों पर चर्चा करेंगे। चिकित्सकों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए राममनोहर लोहिया अस्पताल दिल्ली के प्रो. राजेंद्र शर्मा, एम्स दिल्ली के प्रो. संजय वाधवा और छत्तीसगढ़ सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के उप-निदेशक राजेश तिवारी सहित कई विशेषज्ञ भाग लेंगे।