दिल्ली चुनाव में बेकार नहीं गई बीजेपी की कड़ी मेहनत! ऐसे मिला फायदा
नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर आए एग्जिट पोल के नतीजों से पता चल रहा है कि आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थिति पहले से बेहतर होती नजर आ रही है, हालांकि वो सत्ता पर काबिज करने के लिए काफी नहीं है.
एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को 59 से 68 सीटों और बीजेपी को 2 से 11 सीटों पर जीत मिलने की उम्मीद है. लेकिन भगवा पार्टी के मत फीसदी में इजाफा हुआ है. एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी को 56 फीसदी, बीजेपी को 35 फीसदी और कांग्रेस को 5 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. 2015 के विधानसभा चुनाव नतीजों की बात की जाये तो आदमी पार्टी को 54 फीसदी, बीजेपी को 32 फीसदी और कांग्रेस को 10 फीसदी वोट मिले थे.
एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल से इतना साफ है कि बीजेपी ने दिल्ली में चुनाव प्रचार में जिस तरीके से अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, वह बर्बाद नहीं हुई है. पार्टी की मेहनत की वजह से उसके वोट शेयर में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि, वोट शेयर बढ़ा लेकिन वो सीटों में तब्दील होता नजर नहीं आ रहा है.
वोट शेयर बढ़ने को लेकर बीजेपी उत्साहित है. इसीलिए अब भी जीत को लेकर उसका भरोसा कायम है. एग्जिट पोल के अनुमान आने के बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दावा किया है कि सारे एग्जिट पोल गलत साबित होंगे. उन्होंने ट्वीट किया, '11 फरवरी को मतदान के नतीजे आने के बाद सभी एग्जिट पोल गलत साबित होंगे. बीजेपी अकेले दिल्ली में 48 सीटें लाने जा रही है. ईवीएम को दोष देने का अभी से बहाना न ढूंढें.'
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, पूर्व मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और पार्टी के सभी लोकप्रिया नेता प्रचार मैदान में उतरे. यहां तक कि एनडीए की सहयोगी पार्टी जदयू के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ भी गृह मंत्री अमित शाह ने साझा रैली की.
अमित शाह ने खुद मोर्चा संभाले रखा. उन्होंने जमकर जनसभाएं कीं. डोर-टू डोर कैंपेन भी किया. शाह खुद लोगों के दरवाजों तक पहुंचे और बीजेपी के लिए वोट मांगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी चुनाव प्रचार में उतरे और उन्होंने शाहीन बाग को निशाने पर रखा.
बीजेपी ने दिल्ली में 5000 जनसभाएं करने की योजना बनाई थी. दिल्ली बीजेपी ने आलाकमान से मांग की थी कि पीएम मोदी दिल्ली में कम से कम दर्जन भर चुनावी सभाएं करें. हालांकि पीएम मोदी ज्यादा वक्त नहीं दे पाए. गृह मंत्री अमित शाह स्वयं डोर-टू-डोर कैम्पेन करते और पर्चा बांटते नजर आए. पार्टी 100 शीर्ष नेताओं ने चुनाव प्रचार में शिरकत की.
यानी बीजेपी ने प्रचार के दौरान कोई कसर नहीं छोड़ी और एग्जिट पोल के अनुमान उसके वोट प्रतिशत में इजाफा भी दिखा रहे हैं, जो बीजेपी के लिए राहत देने वाली खबर जरूर है.