चीन में मरने वालों की संख्या 636 पहुंची, 31000 संक्रमित, कोरोना वायरस का कोहराम जारी
वुहान (चीन)
चीन में घातक कोरोना वायरस लगातार जिंदगियां लील रहा है। चीन में कोरोना वायरस (कोरोनावायरस) से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और यह आंकड़ा 600 पार कर गया है। शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या करीब 636 हो गई है। वहीं, इस विषाणु से संक्रमित होने के अब तक करीब 30 हजार से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है।
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, सरकार ने शुक्रवार को जानकारी दी कि चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 31,161 हो गई है। इस वायरस से संक्रमित होने के करीब 3,143 नए मामलों की पुष्टि हुई है।
दरअसल, कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन 'सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स)' ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में चेतावनी देने वाले आठ विसल ब्लोअर में एक चीनी डॉक्टर ली वेनलियांग की गुरुवार (6 फरवरी) को इस महामारी में मौत हो गई। हालांकि, वेनलियांग ने महामारी की जानकारी जब दी थी तब पुलिस ने उनका उत्पीड़न किया था। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि 34 वर्षीय वेनलियांग ने अन्य डॉक्टरों को महामारी के बारे में चेतावनी देने की कोशिश की थी और उनकी गुरुवार को वुहान में कोरोना वायरस की वजह से मौत हो गई।
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना असल में वायरसों का एक बड़ा समूह है जो जानवरों में आम है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है। इसकी स्थिति मिडल ईस्ट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (एमईआरएस) और सेवल एक्युट रेस्पाइरेट्री सिंड्रोम (सार्स) से काफी मिलती जुलती है।
हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।
कैसे फैलता है?
WHO के मुताबिक कोरोना वायरस ( CoV ) एक जूनोटिक है। इसका मतलब है कि यह 2019-nCoV के जरिए जानवरों से मानव में फैला है। माना जा रहा है कि 2019-nCoV सीफूड खाने से फैला था। लेकिन अब कोरोना वायरस मानव से मानव में फैल रहा है। यह कोरोना वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
कोरोना वायरस के असर के लक्षण
इस वायरस से मरने वालों की औसत उम्र 73 साल है । मृतकों में सबसे उम्रदराज शख्स 89 साल का था जबकि सबसे कम उम्र के लिहाज से 48 साल के व्यक्ति की मौत हुई। कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं। निमोनिया, फेफड़ों में सूजन, छींक आना, अस्थमा का बिगड़ना भी इसके लक्षण हैं।
क्या है इसका इलाज
इसका अभी तक कोई इलाज नहीं है। न तो कोरोना वायरस ( CoV ) की कोई वैक्सीन बनी है और न ही 2019-nCoV की। इससे बचने का यही तरीका है कि ऐहतियात बरतें। किसी बीमार, झुकाम, निमोनिया से ग्रसित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। मास्क पहनें। अपनी आंखों, नाक और मुंह को न छुएं। हाथों को बार बार अच्छे से साबुन से धोएं।
बचने के उपाय
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने अथवा उसे कम करने के लिए कुछ एहतियात बरतने को कहा है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने भी ट्वीट किया है। ट्वीट में कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के उपाय बताए गए हैं।