November 24, 2024

सुपेबेड़ा की तरह किडनी रोग से प्रभावित आंध्रप्रदेश के उदानम के अध्ययन दौरे पर राज्य की टीम

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22 सदस्यीय दल में विशेषज्ञ, अधिकारी और ग्रामीण शामिल

मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने किडनी रोग विशेषज्ञों की सलाह पर अध्ययन के लिए उदानम जाने के दिए थे निर्देश

रायपुर. 6 फरवरी 2020. गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा में किडनी रोग से पीड़ितों को राहत दिलाने और इसके कारणों का पता लगाने स्वास्थ्य विभाग की टीम आंध्रप्रदेश के अध्ययन भ्रमण पर है। आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के उदानम विकासखंड के कुछ गांवों के लोग भी सुपेबेड़ा की तरह किडनी रोगों से पीड़ित हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां पीड़ितों के इलाज, पुनर्वास और बीमारी के कारणों का पता लगाने विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं एवं शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों व इसके असर का अध्ययन करेगी।

उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली के प्रख्यात किडनी रोग विशेषज्ञों डॉ. विजय खेर और डॉ. विवेकानंद झा ने हाल ही में सुपेबेड़ा का दौरा कर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव से मुलाकात की थी। उनके द्वारा आंध्रप्रदेश के उदानम में भी सुपेबेड़ा जैसी समस्या की जानकारी देने पर मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को वहां के अध्ययन दौरे के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञों, अधिकारियों और स्थानीय ग्रामीणों की टीम वहां भेजी है। अध्ययन दल वहां भ्रमण कर पीड़ितों, विशेषज्ञों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य विभाग और आंध्रप्रदेश सरकार के अधिकारियों से चर्चा कर किडनी पीड़ितों के इलाज व बीमारी के कारणों का पता लगाने किए जा रहे उपायों की जानकारी लेगी।

अध्ययन दल में राज्य स्तरीय टीम में रायपुर मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडीसिन के विभागाध्यक्ष और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डॉ. निर्मल वर्मा, एम्स (AIIMS) रायपुर के किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ. विनय राठौर, सी.के.डी. (Chronic Kidney Disease) के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सी.के.डी. सलाहकार डॉ. रणवीर सिंह बघेल शामिल हैं। देवभोग के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील भारती, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के उप-अभियंता श्री बी.एस. सिदार, गैर-संचारी रोग के एफ.एल.ओ. श्री तेजस राठौर और फॉर्मासिस्ट श्री भूपेन्द्र चन्द्राकर के साथ सुपेबेड़ा के 14 लोग भी अध्ययन दल के साथ गए हैं। इन 14 लोगों में सुपेबेड़ा के पंचायत प्रतिनिधि, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग और इलाज के बाद किडनी रोग से मुक्त हुए दो ग्रामीण भी शामिल हैं।

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