November 24, 2024

रक्षा मंत्रालय के इस कदम से 4 लाख सैनिकों को होगा फायदा, सेना के जवान 58 की उम्र में होंगे रिटायर

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 नई दिल्ली 
तकनीकी पदों और गैर युद्धक भूमिकाओं में लगे सेना के करीब चार लाख जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल की जाएगी। वायुसेना और नौसेना के भी हजारों जवानों को इसका फायदा होगा। रक्षा मंत्रालय अगले वित्त वर्ष में इस पर निर्णय ले सकता है। हालांकि, इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस निर्णय से पहले चरण में करीब चार लाख जवानों को फायदा होगा। अभी मोटे तौर पर एक जवान 17-18 साल सेना में रहता है। सरकार उसे 34-35 साल तक पेंशन देती है। नई योजना के तहत जवानों को 34-35 साल सेवा का मौका मिलेगा और 17-18 साल पेंशन प्राप्त करेंगे।

सरकार और जवान दोनों को लाभ: उम्र सीमा में बढ़ोतरी से सरकार और जवानों, दोंनों को फायदा होगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के अनुसार अभी सेना के जवान 17-18 साल सेवा के बाद रिटायर हो जाते हैं। तब उनकी उम्र 40 से नीचे-नीचे ही रहती है। इसके बाद उन्हें जो रोजगार मिलता है, उनके सम्मान के अनुरूप नहीं होता है। उनके बच्चे भी स्कूल में पढ़ रहे होते हैं। जबकि सरकार को भी इससे नुकसान है। सरकार के पेंशन का खर्च बढ़ रहा है। अगले बजट में पेंशन के लिए 1.33 लाख करोड़ रुपये दिये हैं। साल दर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है।

पहले चरण में गैर युद्धक भूमिका के जवान शामिल: रावत ने कहा कि पहले चरण में एक तिहाई सैन्यकर्मियों की सेवानिवृत्ति उम्र को अफसरों की सेवानिवृत्ति की भांति 58 साल करने के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है। तकनीकी पदों, मेडिकल सेवाओं, गैर युद्धक भूमिकाओं में कार्य कर रहे जवानों को इस दायरे में लाया जाएगा। इस सिलसिले में कई अध्ययन किए गए थे और उन्हीं की रिपोर्ट पर यह निर्णय लिया गया है।

45 की उम्र तक जवान सक्षम: रावत ने कहा कि दूसरे चरण में अन्य जवानों की सेवानिवृत्ति की उम्र में भी इजाफा किया जाएगा। यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। उन्होंने कहा कि 45 साल की उम्र तक युद्धक मोर्चे पर जवानों को तैनात करने में कोई हर्ज नहीं है। वे हर चुनौतियों से निपटने में सक्षम होते हैं। उन्होंने कहा कि इस बारे में जल्द निर्णय लिया जाएगा।

नौसेना-वायुसेना से भी कहा: सीडीएस की तरफ से दूसरी सेनाओं को भी कहा गया है कि वे सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के उपाय करें। वायुसेना एवं नौसेना में भी यह व्यवस्था लागू होगी। दोनों बलों को भी इसके लिए संभावनाएं तलाशने को कहा गया है।

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