हकीकत स्वीकार नहीं पा रही भाजपा – सिंहदेव
रायपुर
कांग्रेस मुख्यालय के नियमित साप्ताहिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री सिंहेदव ने मंगलवार को कांग्रेस के कार्यकतार्ओं, पदाधिकारियों और जनसामान्य से मुलाकात कर अपने विभाग से संबंधित समस्याओं, शिकायत और सुझाव पर आवश्यक कार्यवाही की। मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा का आरोप गलत है, निश्चित ही विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा का मनोबल टूटा है। वे हकीकत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा का जो आरोप है खरीद-फरोख्त का, यदि ऐसा होता तो उनके इतने लोग दिखते नहीं, आखिर उनके भी लोग तो जीते हैं। नगरीय निकाय चुनाव शत प्रतिशत हमारे पक्ष में रहा। उनके भी प्रतिनिधि नगर पालिका, नगर पंचायतों में जीते हैं।
सिंहदेव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव में 5 जिलों में बलरामपुर, जशपुर, कवर्धा, बस्तर और राजनांदगांव में हम उनसे पीछे हैं, वहां भाजपा के समर्थित लोग जीते हैं। फिर वह कैसे जीते? स्पष्ट है कहीं ना कहीं आज वो कांग्रेस के सामने कमजोर दिख रहे हैं, यदि उनके पक्ष में जनमत कम है तो उन्हें स्वीकार करना चाहिए। आज की परिस्थिति है कि कांग्रेस का पक्ष भारी दिख रहा है, सरकार में हम है। सरकार ने जो कहा उसे उसे पूरा किया, उसका प्रभाव निश्चित रूप से पड़ता है। विधानसभा का चुनाव भी एकतरफा रहा। उम्मीद से ज्यादा ही 75 प्रतिशत कांग्रेस के उम्मीदवार जीत कर आए। मैं नहीं समझता यह किसी ने सोचा था,यहां से भाजपा का मनोबल गिरा है। दंतेवाड़ा में भी भाजपा संघर्ष में रही। वहां भी उनको जब सफलता नहीं मिली, चित्रकोट में जब सफलता नहीं मिली तो एक तरह से मनोबल गिर गया है। तीन बार की सरकार रहने के बाद इतनी कम संख्या में विधानसभा में भाजपा रही। मंत्री सिंहदेव ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव के जो परिणाम आ रहे हैं, आशा के अनुरूप परिणाम है। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों के पक्ष में जाते हुए दिख रहे हैं, जो संतोष का विषय है। सरपंचों में भी अभी तक जो रिपोर्ट आई है ज्यादातर कांग्रेस समर्थित चुने गए हैं। निगम मंडलों की घोषणा पर उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मिलकर तय करेंगे। जगह बहुत कम होती है, उम्मीद सभी की रहती है। कई लोगों ने पंचायत चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई होगी, तो कई नगरीय निकाय के चुनाव में। जो लोग पार्टी से जुड़े हुए रहते हैं, उनको मौका मिलता है, लेकिन कठिन है 6 लाख से ज्यादा कांग्रेस की सदस्यता में 50 लोगों को चुन पाना। फिर भी कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ता पार्टी हित में निरंतर काम कर रहे हैं और करते रहेंगे।