एलआईसी के 31 लाख करोड़ की पूंजी खतरे में : कांग्रेस
मोदी जी के मित्रों की कुरदृष्टि अब जीवन बीमा निगम पर पड़ी
मोदी सरकार चंद उद्योगपतियों के हाथों के कठपुतली
एलआईसी के 31 लाख करोड़ की पूंजी खतरे में : कांग्रेस
भाजपा सरकार ने पहले रिजर्व बैंक के 1 लाख 76 हजार करोड़ की बंदरबाट की
अब एलआईसी की 31 लाख करोड़ की संपत्ति को तहसनहस करने की तैयारी : कांग्रेस
रायपुर/04 फरवरी 2020। एलआईसी कम्पनी बेचने के मोदी सरकार के निर्णय के खिलाफ एलआईसी के प्रदर्शन पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार के एलआईसी कंपनी बेचने के निर्णय का निंदा करते हुए कहा कि आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी के द्वारा पांच करोड़ के प्रारम्भिक पूंजी से खोली गई एलआईसी का आज पूंजीगत ढांचा 31 लाख करोड़ है। एलआईसी प्रतिवर्ष 3000 करोड़ से अधिक के लाभांश अर्जित कर लाखों लोगों को रोजगार एवं जीवन की सुरक्षा, चिकित्सा सुविधा, से लेकर घर बनाने तक में सहयोग करते आ रही है। एलआईसी एक विश्वसनीय संस्थान है जिसको बेचने का निर्णय केंद्र की मोदी सरकार ने लिया है जो राष्ट्र हित में नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार चंद उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली है। मोदी जी के मित्र जो चाहते हैं वही काम केंद्र की भाजपा सरकार करती है। रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड पर मोदी जी के मित्रों की क्रूर दृष्टि थी एक लाख 76 हजार करोड रुपए रिजर्व फंड का बंदरबांट करने के बाद मोदी सरकार अपने चंद उद्योगपति मित्रों को खुश करने के लिए 31 लाख करोड़ के पूंजीगत ढांचा वाली एलआईसी को बेचने जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपायी की सरकार से सरकारी संपत्तियों को बेचने का जो सिलसिला शुरू किया था। अब मोदी जी के पहले कार्यकाल के बाद दूसरे कार्यकाल में भी सरकारी संपत्तियों को षड्यंत्र पूर्वक अपने उद्योगपति मित्रों को सौंपने का काम आर एस एस भाजपा कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के गलत नीतियों के कारण देश भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा आर्थिकमंदी से देश को उबारने में मोदी सरकार की नीतियां फेल हो गई है। दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा करने वाले किसानों के आमदनी दोगुनी करने वाले जैसे झूठे ख्वाब दिखाने वाले, महिलाओं की सुरक्षा देने में नाकाम केंद्र की मोदी सरकार देश के महारत्न नवरत्न और मिनी रत्न कंपनियों को बेच कर देश को गर्त की ओर ले जा रही है जो भारत माता के साथ विश्वासघात है।