जर्मनी के खजाने से करीब 30 अरब डॉलर की हुई चोरी
नई दिल्ली
इसे यूरोप के इतिहास की सबसे बड़ी टैक्स चोरी कहा जाए तो गलत नहीं होगा। दो इन्वेस्टमेंट बैंकर- ब्रिटन मार्टिन शील्ड्स और कीवि पॉल मोरा ने यूरोप के अलग-अलग देशों के खजाने से करीब 60 अरब डॉलर (4.3 लाख करोड़ रुपये) की टैक्स चोरी की। इस काम में सैकड़ों बैंकर, वकील और हजारों निवेशक शामिल थे, लेकिन उन्हें पता भी नहीं था कि क्या खेल चल रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स चोरी की इस घटना को 2006-2011 के बीच अंजाम दिया गया।
मेरिल लिंच बैंक में करते थे काम
ब्रिटन मार्टिन और पॉल मोरा दोनों बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के लिए काम करते थे। दोनों की मुलाकात लंदन में हुई। दोनों ने मिलकर एक स्कीम की शुरुआत की जिसका नाम 'cum-ex trading' रखा गया। इसका मतलब होता है 'विद और विदाउट'। ये इन्वेस्टर्स को डबल टैक्सेशन से बचाने का काम करते थे। मतलब, इनका काम निवेश पर होने वाली कमाई पर कम से कम टैक्स लगे और ज्यादा से ज्यादा बचत हो।
डिविडेंड टैक्स पेमेंट पर डबल रिफंड
ये लोग इतने जानकार और चतुर थे कि डिविडेंड टैक्स पेमेंट पर डबल रिफंड लेते थे। यह पूरा खेल सही टाइमिंग और कानून के लूपहोल्स का इस्तेमाल करने वाला था, और इस काम में इन्हें महारत हासिल थी। ज्यादा बचत के कारण 'cum-ex trading' का कारोबार तेजी से फैलता गया।
जर्मनी को 30 बिलियन डॉलर का नुकसान
रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स चोरी का सबसे बड़ा नुकसान जर्मनी को हुआ है। जर्मनी को करीब 30 अरब डॉलर (2.1 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ। जर्मनी के बाद फ्रांस को 17 अरब डॉलर (1.2 लाख करोड़ रुपये) टैक्स चोरी का नुकसान हुआ। इसके अलावा स्पेन, इटली, बेल्जियम ऑस्ट्रिया, नॉर्वे, फिनलैंड, पोलैंड जैसे देशों को टैक्स चोरी का नुकसान उठाना पड़ा है।
अभी तक क्रिमिनल चार्ज दर्ज नहीं
दुबई रहने वाले ब्रिटिश सिटिजन संजय शाह ने 'cum-ex trading' की तर्ज पर डेनमार्क सरकारी खजाने को करीब 2 अरब डॉलर (14 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान पहुंचाया था। फिलहाल मामले की जांच चल रही है, हालांकि उनके खिलाफ कोई क्रिमिनल चार्ज अभी तक दर्ज नहीं है।