November 23, 2024

उद्योगपति अपहरण कांड: सूरत की जेल में साजिश, 2 टीम बनाकर पुलिस को भटकाते रहे किडनैपर, ऐसे पहुंची पुलिस

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रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) के सिलतरा से अपहरण किए गए उद्योगपति प्रवीण सोमानी सकुशल अपने घर पहुंच चुके हैं. रायपुर एएसपी (SSP) आरिफ शेख बुधवार की देर रात करीब साढ़े 11 बजे सोमानी को दिल्ली से लेकर माना एयरपोर्ट पहुंचे. इसके बाद पुलिस (Police) ने अपहरण (kidnap) के इस हाई प्रोफाइल मामले में कई खुलासे किए. पुलिस ने दावा किया है कि इस मामले में न सिर्फ संयोजित जांच की गई. बल्कि अपहरणकर्ताओं को फिरौती की कोई रकम नहीं दी गई.

उद्योगपति प्रवीण सोमानी (Industrialist Praveen Somani) के रायपुर लौटने के बाद देर रात की डीजीपी डीएम अवस्थी (DGP DM Awasthi) ने मीडिया से चर्चा की. डीजीपी अवस्थी ने बताया कि बिहार के चंदन सोनार गैंग ने प्रवीण सोमानी का अपहरण किया था. इसके बाद उसे बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग अलग जगहों पर छुपा कर रखा गया. प्रवीण को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के फैजाबाद की झोपड़ी से बरामद किया गया. पुलिस का दावा है कि दबाव बढ़ता देख अपहरणकर्ता सोमानी को छोड़कर फरार हो गए.

डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि अपहरण की साजिश सूरत की जेल में रची गई थी. इस साजिश का मास्टर माइंड पप्पू चौधरी को बताया जा रहा है, जो सूरत की जेल में मुन्ना व दो अन्य के साथ अपहरण की साजिश रची. इसके बाद कुछ अंतराल में सभी जमानत पर रिहा हुए. फिर प्रवीण सोमानी को टारगेट बनाया गया. इसके लिए तीन महीने तक उनकी रेकी की गई. बताय जा रहा है कि जेल से जमानत पर छूटने के बाद पप्पू रायपुर आया. यहां वह पहले भी आ चुका था. पप्पू का रिश्तेदार अरुण दौंदे में रहता है. अरुण के जरिये ही उसे पता चला कि सिलतरा में बड़े बड़े उद्योगपति रहते हैं.

पुलिस ने बताया कि पप्पू चौधरी ने सिलतार के उद्योगपतियों की जानकारी अपने साथियों को दी. इसके बाद उन्होंने गूगल से सर्वे किया कि यहां कौन कौन बड़े उद्योगपति हैं, जो बड़े आसामी हैं. उसके बाद ही उन्होंने प्रवीण को टारगेट बनाया. तीन महीने तक फैक्ट्री और घर तक उसका पीछा किया. ये भी देखा कि वह कहां कहां आता जाता है. इसके बाद 8 जनवरी की शाम को प्रवीण को फैक्ट्री से घर जाते समय अपहरण कर लिया गया.

खुद को बताया ईडी का अफसरपुलिस के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने सिलतरा में ही शारडा एनर्जी के करीब प्रवीण सोमानी की गाड़ी रूकवाई और खुद को ईडी का अफसर बताकर उसकी गाड़ी में बैठ गए. जब गाड़ी कुछ दूर आगे गई तो उन्होंने सोमानी को अपनी गाड़ी में बिठा लिया. अपहरण के चौथे दिन से अपहरणकर्ताओं ने सोमानी के परिवार वालों से फिरौती की रकम के लिए कॉल करने शुरू किए.

डीजीपी ने बताया कि अपहरणकर्ताओं ने पुलिस को भटकाने की हर कोशिश की. इसके तहत अपहरण के बाद उसे मध्यप्रदेश के रास्ते, यूपी ले जाया गया, जहां से अपहरणकर्ताओं ने अपनी दो टीम बना ली. एक टीम ने प्रवीण को अपने साथ रखा और उसे बिहार के वैशाली ले गए. जबकि दूसरी टीम नेपाल चली गई. इससे पुलिस को शक हुआ कि प्रवीण को नेपाल ले जाया गया है. इसके अलावा फिरौती के लिए भी हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग अलग शहरों से फोन कॉल किए जाने लगे.

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