बगैर उपयोग के ही बनाए 70 लाख रुपये के पोटा केबिन, अब हो रहे खंडहर
बीजापुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) से आये दिन सरकारी खजाने से लाखों रुपयों के दुरुपयोग की खबरें आतीं हैं, लेकिन जिम्मेदार हैं कि कार्रवाई करने की बजाय जुबानी पलड़ा झाड़ते नजर आते हैं. ताजा मामला राजीव गांधी शिक्षा मिशन (Rajiv Gandhi Education Mission) के तहत खर्च की गई राशि से जुड़ा है. मिशन के तहत साल 2009 में 70 लाख रुपये से पोटा केबिन के 10 कक्षों का निर्माण कराया गया था. लेकिन इसका उपयोग अब तक नहीं हो सका है.
बीजापुर (Bijapur) जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर उसूर में संचालित पोटा केबिन (Pota Cabin) में 10 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण साल 2009 में करवाया गया था. इन 10 अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा 70 लाख रुपये भी खर्च किए गए थे. लेकिन पिछले 10 सालों में बिन कार्य योजना से निर्मित 10 अतिरिक्त कक्षों में से किसी एक का भी इस्तेमाल छात्रों ने कभी नहीं किया. अब लाखों रुपये की लागत से निर्मित ये अतिरिक्त कक्ष खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. कई कक्ष के छत के सीट टूट-फूट या तेज हवा के झोंके से उड़ चुके हैं.
केबिन के फर्श पर बड़ी बड़ी झाडियां भी उग चुकी हैं. दरवाजे और खिडकीयां टूट चुकी हैं. कई रूम का फर्श भी उखड़ चुका है. दीवार भी जर्जर स्थिति में आ चुकी है. इस पोटा केबिन के वर्तमान अधिक्षक चिन्नाराम अंंगनपल्ली बताते हैं कि इन अतिरिक्त कक्षों का मरम्मत हो जाये तो यहां अध्ययनरत छात्र इन अतिरिक्त कक्षों का इस्तेमाल कर सकेंगे. मामले में बीजापुर कलेक्टर केडी कुंजाम का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी. जांच में जो भी जिम्मेदार होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा पोटा केबिन के मरम्मत कराने की व्यवस्था भी की जाएगी.