6 नवजात बच्चों की मौत के मामले में सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाया
शहडोल
जिला चिकित्सालय शहडोल में 12 घंटे के अंदर 6 नवजात बच्चों की मौत के मामले में सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडेय और डॉ. उमेश नामदेव को हटा दिया गया है। ये कार्रवाई 24 घंटे के अंदर बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के निर्देश पर की गई है। उन्होंने शहडोल कमिश्नर को दोनों जिम्मेदार डॉक्टरों को कार्यमुक्त करने निर्देश दिए थे।
मंत्री सिलावट ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और बच्चों के परिजनों से मुलाकात की थी। महिलाओं में स्वास्थ्य मंत्री से अस्पताल में चल रही अव्यवस्थाओं की शिकायतें भी की। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में छह बच्चों की मौत को दुखद बताया और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया। इस दौरान उनके साथ आदिवासी विकास मंत्री ओमकार सिंह मरकाम भी साथ में रहे।
सिलावट ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मामला दुखद है, जांच की घोषणा कर दी गयी है, जो भी दोषी पाए जाएंगे उन्हें दंडित किया जाएगा। फिलहाल सीएमएचओ और सिविल सर्जन को कार्यमुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सरकार इस मामले को लेकर गंभीर हैं, इसलिए अब तक यहां तीन-तीन मंत्री आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में विशेष पैकेज देकर डॉक्टरों की भर्ती की जा रही है। इसके अलावा हर संभाग में एक-एक विशेष समिति बनाई जा रही है, जो ऐसे मामलों को देखेगी। बच्चों की मौत के बाद जिले के सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडेय कोई ठोस वजह नहीं बता सके थे। उन्होंने यही कहा था कि प्रारंभिक जांच में लापरवाही प्रतीत हो रही है।
सोमवार को 6 बच्चों की मौत हो गई थी
शहडोल जिला अस्पताल में सोमवार को रात 6 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी, जिसमें 2 बच्चे वॉर्ड और 4 एसएनसीयू में भर्ती थे। एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से कम थी, वहीं बच्चा वार्ड में भर्ती बच्चों की उम्र दो-तीन महीने की बताई जा रही है। सभी बच्चों को निमोनिया हुआ था। अस्पताल में एक साथ 6 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया था।