ऑस्ट्रेलिया के साथ मुकाबले को लेकर विराट कोहली ने कही ये बात
मुंबई
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज का आगाज मंगलवार यानि 14 जनवरी से हो रहा है। सीरीज का पहला मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा। साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया पांच मैचों की वनडे सीरीज के लिए भारत आई थी। तब वह बुरे दौर से गुजर रही थी और किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह भारत को उसके घर में हरा सकती है। शुरुआती दो मैचों में मिली हार ने भी इस बात की तस्दीक कर दी थी। लेकिन आरोन फिंच की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने अगले लगातार तीन मैच जीत 3-2 से सीरीज हथियाई।
अब एक बार फिर उसकी नजरें मंगलवार से शुरू हो रही तीन मैचों की सीरीज में भारत के खिलाफ इसी कहानी को दोहराने पर है। वहीं, भारत को उस हार की टीस तो होगी और इसी कारण वह इस बार हिसाब बराबर करना चाहेगी। घर में भारत यह करने में सक्षम है, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम को इस बार पहले से मजबूत ऑस्ट्रेलियाई टीम का सामना करना है।
विराट कोहली ने जोर देते हुए कहा कि आपका विजन दीर्घकालीन होना चाहिए। उन्होंने कहा, ''ये वह समय है जब आपको जागरूक होने की जरूरत है। आप बड़ी जल्दी निजी हो सकते हैं, कह सकते है कि मुझे रन बनाने की जरूरत है और जब मैं रन बनाऊंगा तो सभी चीजों को लेकर अच्छा महसूस करूंगा। ऐसा नहीं होता, यह इस तरह काम नहीं करता।''
भारतीय कप्तान ने कहा, ''आपका विजन हमेशा बड़ी तस्वीर पर होना चाहिए और आपको सोचना चाहिए कि इन खिलाड़ियों का आत्मविश्वास कैसे बढ़ाया जाए। अगर किसी को जिम्मेदारी लेनी है तो वह मैं हूं और अन्य खिलाड़ियों को मौका भी देना है।'' विराट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम पिछले साल भारतीय दौरे पर 3-2 से जीत दर्ज करने वाली टीम से अधिक मजबूत है।
उन्होंने कहा, ''पिछली बार भारत आई टीम से मौजूदा टीम मजबूत है, लेकिन इसके बावजूद तब उन्होंने सीरीज जीती थी। उस सीरीज से पहले उन्होंने अपनी मजबूत टीम उतारी थी लेकिन हमने सीरीज जीती थी।'' विराट ने कहा, ''आपकी टीमें में बेहद अनुभवी और बेहद कुशल खिलाड़ी हो सकते हैं, लेकिन अगर आप एक टीम के रूप में सीरीज में अच्छा नहीं खेलते तो आप जीत दर्ज नहीं कर सकते। पिछली बार हमारे साथ ऐसा ही हुआ और जब हम ऑस्ट्रेलिया गए तो उनके साथ ऐसा हुआ।''
भारतीय कप्तान के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज हमेशा रोमांचक होती है। उन्होंने कहा, ''यह दर्शाता है कि दोनों टीमों के बीच सीरीजएं कितनी प्रतिस्पर्धी होती हैं और कभी एक टीम का दबदबा नहीं होता। नतीजा हमेशा 3-2 या 2-1 ही होता है। शायद पांच मैचों की सीरीज अधिक रोमांचक होती।''