November 23, 2024

2019 में तीन साल के पीक पर रही थी बीयर सेल्स

0

मुंबई
देश में बीयर की बिक्री साल 2019 में बढ़कर तीन साल के पीक पर पहुंच गई। हालांकि कंपनियों का कहना है कि टैक्स बढ़ने और कुछ राज्यों में शराब पर रोक लगने के कारण उनकी ग्रोथ पिछले साल हर तिमाही में क्रमश: घटती आई है।
ब्रिटेन की रिसर्च फर्म ग्लोबलडेटा के अनुसार, बीते कैलेंडर ईयर में बीयर मार्केट की 6.9 पर्सेंट ग्रोथ हुई। साल 2018 में यह आंकड़ा 5.7 पर्सेंट पर था। बिक्री में हुई 1.2 पर्सेंट की बढ़त के बावजूद कंपनियों का कहना है कि पिछला साल चुनौतियों से भरा रहा। उनकी ग्रोथ नोटबंदी के पहले के दौर के मुकाबले काफी सुस्त हुई है। साल 2016 में उन्होंने 10 पर्सेंट की ग्रोथ दर्ज की थी।

बडवाइजर और कोरोना बेचने वाली AB इनबेव के प्रेजिडेंट (दक्षिण एशिया) कार्तिकेय शर्मा ने बताया, 'देश की बीयर इंडस्ट्री के लिए साल 2019 बेहतर रहा। खास तौर पर पहली छमाही पॉजिटिव रही। हालांकि चुनाव के चलते अप्रैल में बिक्री कम रही। आंध्र में शराब पर पाबंदी और लंबे समय तक बारिश होने के कारण दूसरी छमाही चुनौतियों वाली रही।'

गर्मी वाले महीनों और इंडियन प्रीमियम लीग (IPL) के दौरान बीयर की मांग खासी बढ़ती है। ग्लोबलडेटा के मुताबिक, देश के गर्म मौसम के कारण बीयर की सालाना बिक्री में आम तौर पर अप्रैल-जून तिमाही की लगभग 45 पर्सेंट हिस्सेदारी होती है। हालांकि लोकसभा चुनाव भी इसी दौरान हुआ था। कंपनियों को उम्मीद थी कि चुनाव के बाद मांग वापस बढ़ेगी। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और केरल जैसे महत्वपूर्ण बाजारों में शाब पर रोक लगने या उनके दाम बढ़ने के कारण डिमांड पर असर पड़ा। आंध्र प्रदेश ने हाल में एक नई बार पॉलिसी पेश की है। इसके तहत पुराने बार लाइसेंस को रद्द कर जनवरी 2020 से नए लाइसेंस जारी किए जाएंगे। राज्य में बार की संख्या भी 40 पर्सेंट घटाई जाएगी।

किंगफिशर जैसे ब्रैंड्स के जरिए लगभग आधे मार्केट पर मजबूत पकड़ रखने वाली यूनाइटेड ब्रुअरीज का कहना है कि इकॉनमी में नाटकीय बदलाव आया है। इंडस्ट्री के लिए 2020 भी चुनौतियों वाला साल होगा। UB के मैनेजिंग डायरेक्टर शेखर राममूर्ति ने बताया, 'हमें तिमाही आधार पर अंतर देखने को मिलेंगे। इस साल की पहली तिमाही में ग्रोथ हो सकती है क्योंकि पिछले साल की इसी तिमाही पर चुनाव का नकारात्मक असर रहा था। हालांकि आंध्र प्रदेश जैसे बड़े बाजार में सरकारी नीतियों के कारण बिक्री घटेगी और पहली तिमाही की ग्रोथ का फायदा नहीं मिलेगा।'

आंध्र प्रदेश के अलावा तेलंगाना ने दिसंबर 2019 के मध्य से शराब के दाम बढ़ाए हैं। ऐनालिस्ट्स का अनुमान है कि इसका असर वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में देखने को मिलेगा। कैपिटल के हिमांशु शाह ने एक हालिया इन्वेस्टर नोट में बताया, 'वित्त वर्ष 2020 की तीसरी तिमाही में हुई बीयर की बिक्री नोटबंदी और हाइवे पर लिकर बैन होने के बाद अब तक की सबसे खराब रहने का अनुमान है।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *