CAA: मुजफ्फरनगर में पीड़ित परिवारवालों से मिलीं प्रियंका गांधी, पुलिस पर बरसीं
मुजफ्फरनगर
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस लगातार योगी सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी है। इस कड़ी में सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प के दौरान जख्मी और मृतक के परिजन से मिलने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी शनिवार को यूपी के मुजफ्फरनगर पहुंचीं। यहां उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की। प्रियंका ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि बेगुनाह लोगों को बर्बरता से पीटा गया। यहां से वह मेरठ पहुंची हैं। बता दें कि पिछली बार प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को मेरठ जाने से रोक दिया गया था।
मुजफ्फरनगर में लोगों से मिलने के बाद प्रियंका कांग्रेस वर्कर्स के साथ मेरठ के लिए रवाना हो गईं और वहां भी वह हिंसा प्रभावित लोगों से मिलीं। बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में पूरे यूपी में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान मुजफ्फरनगर में बड़े पैमाने पर पत्थरबाजी और आगजनी की घटनाएं सामने आई थीं। यहां हिंसा के दौरान नूर मोहम्मद (25) की मौत हो गई थी। वह मीनाक्षी चौक के पास आर्य समाज रोड स्थित एक केमिस्ट दुकान से लौट रहे थे, तभी भड़की हिंसा के दौरान उन्हें गोली लग गई थी।
प्रियंका गांधी ने शनिवार को पीड़ित परिवारवालों से मुलाकात की। उन्होंने कहा, 'मैं मौलाना असद हुसैनी से मिली, जिन्हें पुलिस ने बेरहमी से पीटा था। नाबालिगों सहित मदरसा के छात्रों को पुलिस ने बिना किसी कारण के उठाया था। उनमें से कुछ को रिहा कर दिया गया था और कुछ अभी भी हिरासत में हैं।'
73 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा को लेकर 73 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि हिंसा के दौरान प्रदेश में 21 लोगों की मौत हो गई और लगभग 400 लोग घायल हुए। विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा से सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी उत्तर प्रदेश रहा, जहां आगजनी, गोलीबारी और सरकारी संपत्ति नष्ट करने के मामले में 318 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पीएफआई की जांच
मेरठ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रशांत कुमार ने पिछले दिनों कहा था, 'कई मामलों में पीएफआई नेताओं के खिलाफ सबूत पाए गए हैं। अब तक पीएफआई के लगभग 20 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया का प्रदेश अध्यक्ष नूर हसन भी शामिल है। हिंसा का मुख्य केंद्र मेरठ, मुजफ्फरनगर और बुलंदशहर रहे।'