November 23, 2024

इकोनॉमी की सेहत का सही अनुमान लगाने जल्द लॉन्च होने जा रहा है एक पोर्टल

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नई दिल्ली
देश की आर्थिक स्थिति के बारे में सटीक जानकारी वाला एक सरकारी पोर्टल जल्द लॉन्च हो सकता है। इस पोर्टल पर रोजगार, उद्योग, ट्रेड, जीएसटी और स्वास्थ्य के बारे में डेटा उपलब्ध होगा। इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री देश में आधिकारिक आंकड़ों को एकत्र करने वाला यह पोर्टल डिवेलप कर रहा है। इसका नाम नैशनल इंटीग्रेटेड इन्फॉर्मेशन पोर्टल (एनआईआईपी) है।

इस पोर्टल की मदद से पारदर्शिता में सुधार होने और अर्थव्यवस्था से जुड़ा डेटा आसानी से उपलब्ध होने की उम्मीद है। एनआईआईपी पर उपलब्ध जानकारी से अर्थव्यवस्था से जुड़े महत्वपूर्ण संकेत मिल सकेंगे। इससे सरकार को योजनाएं बनाने में भी मदद मिलेगी। इस पोर्टल पर अनमोल (नैशनल हेल्थ मिशन), मानव संसाधन मंत्रालय के यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यू-डीआईएसई), कंपनी मामलों के मंत्रालय के कॉपोर्रेट डेटा मैनेजमेंट, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के यूनिफाइड श्रम सुविधा पोर्टल और नैशनल करियर सर्विस, आईसगेट और सरकार के ई-मार्केटप्लेस से डेटा शामिल किया जा सकता है। अ

भी ये डेटा संबंधित मंत्रालयों की वेबसाइट पर उपलब्ध है और इसे समय पर अपडेट नहीं किया जाता। इस वजह से ऐसे डेटा के सटीक होने को लेकर संदेह रहता है। एनआईआईपी से डेटा एनालिटिक्स में आसानी होगी और सामाजिक-आर्थिक डेटा को केंद्र, राज्यों और आम जनता के लिए स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत करने वाला एक बेहतर प्लैटफॉर्म मिलेगा। एक अधिकारी ने बताया अर्थव्यवस्था की वास्तविक समय के आधार पर स्थिति और प्रगति की निगरानी के लिए पोर्टल पर सामाजिक-आर्थिक संकेतों का एक डैशबोर्ड होगा। इससे विशेष सेक्टर्स के लिए जरूरतों का भी अनुमान लग सकेगा। एनआईआईपी को तीन चरणों में डिवेलप किया जाएगा। इसकी शुरुआत स्टैटिस्टिक्स मिनिस्ट्री की आंकड़े जुटाने की सभी गतिविधियों को इंटीग्रेट करने से होगी।

इसके बाद अन्य विभागों के पास उपलब्ध डेटा को इसमें शामिल किया जाएगा। तीसरे चरण में राज्यों में उपलब्ध डेटा को पोर्टल पर लाया जाएगा। पोर्टल को डिवेलप करने के लिए मिनिस्ट्री ने एक एजेंसी हायर करने का टेंडर दिया है। इस पर आम जनता को डेटा स्टैंडर्ड, यूनिफाइड और हारमोनाइज्ड फॉर्मेट में उपलब्ध होगा। सरकार के आर्थिक आंकड़ों पर हाल के महीनों में विपक्षी दलों ने गलत होने के आरोप लगाए थे। इनमें विशेष तौर पर रोजगार से जुड़े आंकड़े हैं। इसके बाद सरकार ने आंकड़े एकत्र करने की व्यवस्था में बदलाव भी किए हैं। आंकड़ों की जांच को भी मजबूत किया जा रहा है।

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