हर कोई समस्या बताता रहा, लेकिन समाधान जहीर और गिलेस्पी ने बताया: इशांत
नई दिल्ली
भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा दिग्गज कपिल देव के बाद सौ अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दूसरे पेसर बनने से सिर्फ चार मैच दूर हैं। दिल्ली के इस पेसर के 12 साल के अंतरराष्ट्रीय करिअर में कई उतार-चढ़ाव आए जिसने उन्हें बेहतर क्रिकेटर बना दिया है।
दिल्ली को सत्र का पहला रणजी मैच जिताने के बाद 31 वर्षीय इशांत ने कहा कि मेरे सफर में कई उतार-चढ़ाव रहे। मेरे प्रदर्शन में जो निरंतरता चाहिए थी वह नहीं रही। इसलिए मुझ पर दबाव भी रहा। 2010 के बाद से मैंने खुद पर यह दबाव बनाए रखा कि मुझे बढ़िया प्रदर्शन करना है। ऐसे में मैं ठीक से सो भी नहीं पाता था। इससे मुझ पर नकारात्मक सोच हावी होती रही। मैंने इससे सबक लेकर अब बेवजह सोचना छोड़ दिया है। मैंने हर गेंद शिद्दत से फेंकने पर फोकस किया। अब बहुत कुछ बदला है।
उन्होंने कहा, 'हमारे यहां परेशानी यह है कि हर कोई यह बताता है कि आपके साथ दिक्कत है लेकिन उसका हल नहीं बताता। हर कोई मुझे यह कहता था कि आगे वाली गेंद तेज करनी है लेकिन कोई यह नहीं बताता था कि तेज करनी कैसे है। मुझे अब यह समझ में आ गया है। जहीर खान ने इसमें मेरी मदद की। मैं जब काउंटी खेलने गया तो जेसन गिलेस्पी ने मुझे बताया कि गेंद कैसे तेज करनी है। गेंद सिर्फ हाथ से छोड़नी ही नहीं बल्कि पिच पर हिट भी करनी है। मुझे गेंद पिच करा बल्लेबाज के घुटने के करीब फेंकनी है।'
भारतीय टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण देश के इतिहास में अभी तक का सबसे बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण है। इशांत ने कहा कि वह इसका हिस्सा होकर काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें गर्व होता है। उम्मीद है आपको भी होता होगा। हम तीनों (शमी और उमेश) ने शुरुआत की थी लेकिन शुरुआत में अनुभव की कमी थी। इसलिए हमें लगातार विकेट नहीं मिलते थे। अब हमें अनुभव है और हम अपनी गेंदबाजी के बारे में ज्यादा जानते हैं। यह समय के साथ आता है। हम अपने अनुभव साझा करते हैं। सिर्फ मैं नहीं बल्कि वे लोग भी पिच, स्थिति के बारे में अपना फीडबैक देते हैं। बातचीत अब पहले से कई ज्यादा अच्छी है। पहले हम एक-दूसरे को ज्यादा नहीं जानते थे, लेकिन अब बातचीत अच्छी होती है।’
इशांत ने कहा, ‘मैं अपनी गेंदबाजी का पूरा लुत्फ उठाता हूं। मैं जहीर खान और कपिल देव से अपनी तुलना नहीं करता हूं। उन्होंने देश के लिए काफी कुछ किया है। जहां तक मेरी बात है तो मैं आपको अपने द्वारा हासिल किए गए अनुभवों के हिसाब से बता सकता हूं। मैं कोशिश करता हूं कि उसे जूनियर खिलाड़ियों तक पहुंचा सकूं। यह जरूरी है। इसलिए कि आने वाले दिनों में और गेंदबाज आएं जो दिल्ली के लिए खेल सके। इससे मुझे गर्व होगा।’