धान बेचने के बाद भुगतान के लिए चक्कर काट रहे पांच हजार से ज्यादा किसान
बिलासपुर
समर्थन मूल्य को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के बीच जिस तरह विवाद की स्थिति बनी उसका खामियाजा अन्नदाता किसानों को भुगतना पड़ रहा है। तल्खी कुछ ऐसे बढ़ी कि नाराज केंद्र सरकार ने धान खरीदी के एवज में राज्य शासन के हाथ में राशि देने के बजाय सीधे किसानों के बैंक अकाउंट में जमा कराना शुरू कर दिया है। शुरुआती दिनों में केंद्र सरकार से राशि सीधे किसानों के खाते में जमा होती रही है। बीते 22 दिनों से इसमें दिक्कतें हो रही है। जिले के पांच हजार से ज्यादा किसानों को धान बेचने के 22 दिनों बाद भी राशि का भुगतान नहीं किया गया है।
इन किसानों ने जिन खरीदी केंद्रों में धान बेचा है वहां कंप्यूटर के जरिए केंद्र व राज्य शासन के सॉफ्टवेयर में आंकड़ा अपलोड कर दिया गया है। इसके बाद भी किसानों के बैंक खाते में आजतक राशि नहीं पहुंची है। अफसरों के अनुसार समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को केंद्र सरकार ने इस बार सीधे अपने खजाने से राशि जमा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए पीएफएमएस (पब्लिक फायनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) योजना बनाई है। योजना के तहत किसानों को राशि का भुगतान करने के लिए केंद्र सरकार ने सॉफ्टवेयर बनाया है।
परेशान किसान जब जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अकिारियों से इस संबं में पतासाजी करते हैं तो उनको दोटूक जवाब दे दिया जाता है। अफसर सीधे केंद्र सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं। इनका सी जवाब होता है केंद्र सरकार बैंक अकाउंट में राशि जमा करा रही है। अब तक राशि क्यों जमा नहीं हुआ केंद्र सरकार ही जाने । किसानों को समझ में नहीं आ रहा है कि अपनी परेशानी लेकर जाएं तो जाएं कहां।