November 23, 2024

 CAA पर छात्रों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन करने वाली महिला टीचर की गई नौकरी

0

 
गुवाहाटी 

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर असम में विभिन्न संगठनों, छात्रों और लोगों का विरोध प्रदर्शन जारी है. असम के जोरहाट जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) की एक टीचर को CAA के विरोध प्रदर्शन पर छात्र-छात्राओं का समर्थन करने की वजह से नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. इस टीचर की नियुक्ति संविदा (कॉन्ट्रेक्ट) के आधार पर थी.टीचर बंदिता बोराह को स्कूल प्रिंसिपल ने 24 दिसंबर को सेवा समाप्त होने का आदेश जारी किया. बंदिता जोरहाट जिले के टीटाबोर में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में फैकल्टी-सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर (FCSA) के पद पर तैनात थीं. जवाहर नवोदय विद्यालय केंद्र सरकार की ओर से संचालित किए जाते हैं.

'कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले असमी अनपढ़'
स्कूल के छात्र-छात्राओं ने टीचर के खिलाफ स्कूल प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में धरना दिया. स्कूल की एक छात्रा ने कहा, 'जब असम के लोग नए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, तब स्कूल के कुछ छात्र-छात्राओं ने भी एंटी-CAA बैज लगाकर प्रदर्शन किया था. इस मौके पर स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं की ओर से कविता पाठ और भाषण भी हुए थे. उस वक्त एक टीचर ने हमें कहा था कि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले असमी लोग अनपढ़ हैं. हमने टीचर की इस बात पर विरोध जताया और बंदिता मैडम को इसके बारे में बताया. साथ ही मांग की कि टीचर को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. बंदिता मैडम ने हमारी मांग का समर्थन किया. लेकिन स्कूल प्रशासन ने बंदिता मैडम को ही विरोध प्रदर्शन में हमारा साथ देने के लिए टर्मिनेशन आर्डर थमा दिया.'

 टीचर बंदिता बोराह ने कहा कि वो इस आदेश की परवाह नहीं करतीं और असम के लोगों के साथ नए नागरिकता कानून का विरोध करती रहेंगी.  बंदिता बोराह ने कहा, 'कुछ छात्राएं राज्य में हो रहे एंटी-CAA प्रदर्शनों को देखकर बहुत भावुक थीं. उन्होंने स्कूल परिसर में प्रदर्शन भी किया. दुर्भाग्य से मेरी एक सहयोगी टीचर ने उनका मजाक उड़ाते हुए प्रदर्शन करने वाले असमी लोगों को अनपढ़ बताया. लड़कियों ने टीचर से माफ़ी की मांग की तो मैंने उनका साथ दिया और कहा कि अगर टीचर ने ऐसा कहा है तो इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.'
 
कारण बताओ नोटिस किया गया था जारी
बंदिता बोराह के मुताबिक, उन्हें स्कूल की ओर से ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया,  जिसका उन्होंने जवाब दे दिया. लेकिन 24 दिसंबर को स्कूल प्रशासन ने बंदिता बोराह के नाम आदेश जारी किया कि स्कूल प्रिंसिपल उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है इसलिए विद्यालय और स्कूल की बेहतरी के लिए उनकी FCSA  के नाते सेवाओं  को समाप्त किया जाता है. स्कूल की ओर से जारी आदेश पर प्रिंसिपल मुकेश कुमार के हस्ताक्षर हैं.  

प्रिंसिपल बोलीं- हमें कोई लेना-देना नहीं
स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि हमें इससे कुछ लेना देना नहीं है. हमारे पास जानकारी नहीं है. प्रिंसिपल ने ये भी कहा 'भावनाओं का इसमें सवाल नहीं है. अगर हम किसी चीज के समर्थन में भी नहीं हैं तो इस मामले में खिलाफ जाने का अधिकार नहीं है.'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *