हाट-बाजारों में 7.39 लाख लोगों का इलाज
मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच के साथ ही शिशुओं व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
प्रदेश के 1,774 हाट-बाजारों में ग्रामीणों की निःशुल्क जांच, उपचार व दवाईयां
रायपुर. छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा सात लाख 38 हजार 836 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। हाट-बाजारों की क्लिनिक में पहुंचे छह लाख 72 हजार 335 मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत 30 नवम्बर 2019 तक प्रदेश के एक हजार 774 हाट-बाजारों में क्लिनिक लगाकर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दौरान कुल 12 हजार 442 हाट-बाजार क्लिनिक आयोजित किए गए हैं।
हाट-बाजार क्लिनिक में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लिनिकों में शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है। विगत अप्रैल माह से वनांचलों में और 2 अक्टूबर से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक 64 हजार 621 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। पॉजिटिव पाए गए दो हजार 167 मरीजों का उपचार भी इन क्लिनिकों में किया गया है।
योजना के अंतर्गत तीन लाख 11 हजार 201 लोगों के उच्च रक्तचाप, दो लाख 26 हजार 223 लोगों की मधुमेह, 65 हजार 758 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया) और 18 हजार 566 लोगों के नेत्र विकारों की जांच की गई है। हाट-बाजार क्लिनिकों में तीन हजार 216 लोगों की टीबी, दो हजार 574 लोगों की कुष्ठ और दो हजार 532 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 16 हजार 246 गर्भवती महिलाओं और तीन हजार 219 शिशुओं को टीके लगाए गए हैं। हाट-बाजार क्लिनिकों में 12 हजार से अधिक डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है।
मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना 30 नवम्बर तक प्रदेश के एक हजार 774 हाट-बाजारों में शुरू की जा चुकी है। राज्य शासन द्वारा लगातार इसका विस्तार किया जा रहा है। इन क्लिनिकों के माध्यम से अब तक दंतेवाड़ा जिले में 19 हजार 501, गरियाबंद में 22 हजार 142, सुकमा में 11 हजार 522, बस्तर में 12 हजार 706, बेमेतरा में 12 हजार 706, जशपुर में चार हजार 899, कोरिया में 20 हजार 412, राजनांदगांव में 53 हजार 760, सूरजपुर में 14 हजार 589, सरगुजा में 15 हजार 768, कोरबा में 12 हजार 554 और बिलासपुर जिले में 22 हजार 620 लोगों का इलाज किया गया है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से जांजगीर-चांपा जिले में चार हजार 266, रायगढ़ में 22 हजार 571, दुर्ग में सात 993, बलौदाबाजार-भाटापारा में दो हजार 814, नारायणपुर में 916, कांकेर में 23 हजार 597, बीजापुर में 15 हजार 105, बलरामपुर-रामानुजगंज में 20 हजार 559, महासमुंद में 16 हजार 400, धमतरी में दो लाख 97 हजार 812, बालोद में 60 हजार 317, कबीरधाम में 17 हजार 577, मुंगेली में चार हजार 415, रायपुर में चार हजार 652 तथा कोंडागांव जिले में 15 हजार 971 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।