मध्यप्रदेश में जल्द लागू होगी बाल संरक्षण नीति
भोपाल
मध्यप्रदेश में जल्दी ही बाल संरक्षण नीति लागू की जाएगी। बाल संरक्षण नीति बनाने के संबंध में आज महिला-बाल विकास विभाग द्वारा यूनीसेफ और एनफोल्ड प्रोएक्टिव संस्था कर्नाटक के तकनीकी सहयोग से एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में महिला-बाल विकास विभाग के साथ बाल अधिकार संरक्षण आयोग,पुलिस, सामाजिक न्याय, स्कूल शिक्षा, विधि, आदिम जाति कल्याण, स्वास्थ्य आदि शासकीय विभागों द्वारा संचालित संस्थाओं के प्रतिनिधियों और बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत अशासकीय संस्थाओं ने भी भाग लिया और बाल संरक्षण नीति बनाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिये।
बैठक में आयुक्त महिला-बाल विकास नरेश पाल कुमार ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में बाल संरक्षण नीति तैयार करने के लिये पहली बैठक का आयोजन किया गया है। प्रदेश के स्टेट एक्शन प्लान में भी बाल संरक्षण नीति बनाने के बिन्दु का समावेश किया गया है। सभी स्टेक होल्डर्स और लाभार्थियों से चर्चा के बाद अगले 6 महीने निरंतर बैठकें आयोजित कर बाल संरक्षण नीति को अंतिम रुप दिया जाएगा। बच्चों के संरक्षण, विकास और सुरक्षा के उपायों को इस नीति में शामिल किया जाएगा।
आयुक्त लोक शिक्षण मती जय कियावत ने कहा कि बाल संरक्षण नीति बनने से घर, परिवार और संस्थाओं से लेकर आमजन तक की भागीदारी एवं जवाबदारी तय होगी, जो बाल संरक्षण के क्षेत्र में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बाल अपराध रोकने के लिये बालक और बालिकाओं, दोनों से ही बात करने की आवश्यकता बताई।
बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा कि बाल संरक्षण नीति मध्यप्रदेश की सामाजिक और भौगालिक परिस्थितियों के अनुरुप होना चाहिए। सभी स्टेकहोल्डर्स ने भी बैठक में सुझाव साझा किये। बैठक में संयुक्त संचालक महिला-बाल विकास विशाल नाडकर्णी, यूनीसेफ के लोली चेन सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि आज की बैठक के पूर्व 17 और 18 दिसम्बर को भी विभिन्न संस्थाओं के बच्चों के साथ गहन चर्चा की गई थी। चर्चा में संस्थाओं के बच्चों ने अपनी समस्याओं के बारे बताया था और बाल संरक्षण नीति के बारे में सुझाव भी दिये थे। बच्चों से प्राप्त सुझावों को नीति में शामिल किया जाएगा।