अनाज मंडी हादसा : उत्तर दिल्ली नगर निगम 15 जनवरी से पहले सभी अवैध इकाइयों को बंद करेगा
नयी दिल्ली
दिल्ली के अनाज मंडी इलाके में लगी आग में 43 लोगों की मौत के बीच उत्तर दिल्ली के नगर निकाय प्राधिकारियों ने अवैध फैक्टरियों के सर्वेक्षण का काम तेज कर दिया है और 15 जनवरी से पहले ऐसी इकाइयों को बंद करने का फैसला किया है। वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि गत रविवार को चार मंजिला इमारत में अवैध रूप से चल रही फैक्टरी में आग लग गई थी और अधिकारियों ने बताया कि इमारत के दरवाजे पर ज्वलनशील पदार्थ रखे गए थे और इमारत एक प्रकार से ‘‘आग का चक्रव्यूह’’ बन गया था। उत्तर दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मुताबिक सोमवार से बुधवार के बीच चार अवैध इकाइयों को सील कर दिया गया और अन्य 45 को बंद या खाली कराया गया। नगर निकाय ने बताया कि 13 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इसी अवधि में 21 इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया। उत्तर दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने कहा, ‘‘उत्तरी दिल्ली में चल रहीं सभी अवैध इकाइयों को 15 जनवरी से पहले बंद किया जाएगा।’’
अधिकारी ने बताया कि नगर प्रशासन अनाज मंडी इलाके के इकाइयों का सर्वेक्षण कर रहा है। अधिकारियों के मुताबिक हादसे से एक हफ्ते पहले उत्तर दिल्ली नगर निगम ने अनाज मंडी की संपत्तियों का सर्वेक्षण किया था। इनमें वह इमारत भी शामिल थी, जिसमें आग लगी थी। उन्होंने बताया था कि ऊपरी मंजिल में ताला लगे होने की वजह से पूरे ढांचे का सर्वेक्षण नहीं किया जा सका था। वर्षा जोशी ने कहा, “इन 15 इमारतों और आवास इकाइयों के मालिकों को सर्वेक्षण के तुरंत बाद कारण बताओ नोटिस देकर 48 घंटों में जवाब देने को कहा गया था। कई लोग खुद ही परिसर खाली करने वाले हैं और ऐसा नहीं करने पर हम उन इमारतों को सील कर देंगे।’’ नये सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि फिर से सर्वेक्षण किया जा रहा है।एनडीएमसी पिछले कुछ महीनों से उत्तरी दिल्ली में गैरकानूनी निर्माण इकाइयों को बंद कराने के लिए कार्रवाई कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इमारत की दूसरी मंजिल पर एक शार्ट-सर्किट के कारण आग लगी थी। इस अग्निकांड ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में चल रही इन गैरकानूनी इकाइयों के प्रति लोगों का ध्यान खींचा है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अनाज मंडी अग्निकांड को तबाही करार देते हुए सोमवार को दिल्ली सरकार, शहर के पुलिस प्रमुख और एनडीएमसी को इस घटना के बारे में नोटिस जारी किया। अग्निशमन अधिकारियों ने बताया था कि ज्वलनशील सामग्री से भरी इस इमारत में सिर्फ एक निकास द्वार था जो एक पतली गली में खुलता था।अग्निकांड में क्षतिग्रस्त इमारत दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2006 के तहत अधिकृत है। यह अधिनियम अनधिकृत निर्माण को सील होने से बचाता है।