सारकेगुड़ा पर गरमाई राजनीति, बस्तर से बाहरी फोर्स और बांग्लादेशी शरणार्थियों को हटाने की मांग
बालोद
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बालोद (Balod) जिले के राजाराव पठार में हुए तीन दिवसीय वीर मेला आयोजन में बस्तर सहित पूरे राज्य से लाखों की संख्या में आदिवासी (Tribal) पहुंचे. यहां आदिवासी समाज के लोगों ने एकजुटता दिखाई. इस कार्यक्रम में राज्यपाल, मुख्यमंत्री सहित तमाम मंत्रियों ने शिरकत की. इस कार्यक्रम में बीजापुर (Bijapur) के सारकेगुड़ा में हुई निर्दोष आदिवासियों की हत्या के मामले पर राजनीति गरमाई रही. इसके अलावा कांकेर में बसे बांग्लादेशी शरणार्थियों को हटाने की भी मांग की गई.
वीर मेला कार्यक्रम में आदिवासी समाज ने सारकेगुड़ा (Sarkeguda) मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इतना ही नहीं आदिवासी समाज के लोगों ने बस्तर (Bastar) से अब बाहर से आए केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बलों को हटाकर स्थानीय बल को लगाने की मांग तक कर डाली. बालोद (Balod) के राजा राव पठार में हुए 3 दिन के आदिवासी समाज के कार्यक्रम वीर मेला में जहां आदिवासी महापंचायत में सारकेगुड़ा और बस्तर में हो रहे आदिवासियों के साथ अन्याय को लेकर बात उठी.
मेले के मंच से पूर्व केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता अरविंद नेताम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कहा- ये उनके लिए परीक्षा की घड़ी है. सारकेगुड़ा जैसे मामले पर जांच होनी चाहिए. दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. यही नहीं बस्तर से बाहरी सुरक्षा बलों को हटा देना चाहिए जो निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर रहे हैं. इतना ही नहीं जब मंच पर मुख्यमंत्री मौजूद थे तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अनुसूचित जनजाति आयोग के केंद्रीय अध्यक्ष नंदकुमार साय ने भी इशारों इशारों में सीएम से कहा कि पूर्व में हुए आदिवासियों की निर्मम हत्या, निर्दोष आदिवासियों पर हुए अत्याचारों की की जांच होनी चाहिए.
नंदकुमार शाय ने सीएम भूपेश बघेल से बस्तर के कांकेर जिले के पखांजुर में बड़ी संख्या में बसे बांग्लादेशी शरणार्थियों को भी हटाने की मांग की. उनका कहना था कि शरणार्थी आदिवासियों की जमीन पर अपना कब्जा कर रहे हैं. इन मांगों के बाद सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि वो मुख्यमंत्री बने तब जाकर सारकेगुड़ा जैसा मामला खुला. उन्होंने विश्वास दिलाया कि आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचारों को बंद किया जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.