26/11 हमले के दोषियों को सजा देने के लिए PAK गंभीर नहीं है, पाकिस्तान को भारत की दो टूक
नई दिल्ली
भारत ने शुक्रवार को कहा कि विश्व समुदाय का मानना है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक हाफिज सईद और 2008 के मुंबई हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए गंभीर नहीं है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने लश्कर के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था, जो कि 166 लोगों की जान लेने वाले हमलों की योजना बनाने, वित्तपोषण करने और उन्हें अंजाम देने में शामिल थे।
हालांकि, उनका मुकदमा कई सालों से रुका हुआ है और लखवी को 2015 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इसके अलावा भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि कुलभूषण जाधव को ''तुरंत, प्रभावी और निर्बाध राजनयिक पहुंच दी जाए और इस मामले में भारत पड़ोसी देश के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से संपर्क में है।
पाकिस्तान ने सितम्बर में कहा था कि जाधव को दूसरी राजनयिक पहुंच नहीं दी जाएगी जिसके बाद भारत ने कहा था कि उनके मामले में वह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को पूरी तरह लागू कराने का प्रयास जारी रखेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ''कुलभूषण जाधव के मामले में हम कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान के संपर्क में हैं। इस मामले पर बातचीत की प्रकृति के बारे में सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करुंगा। उनसे पूछा गया था कि जाधव को दूसरी राजनयिक पहुंच के बारे में क्या प्रगति है।
उन्होंने कहा, ''अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के आलोक में हमने पाकिस्तान से त्वरित, प्रभावी और निर्बाध राजनयिक पहुंच का आग्रह किया है और देखते हैं कहां तक जाता है। इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ बातचीत हुई है। जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके कुछ समय बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और जाधव की मौत की सजा को चुनौती दी थी।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 17 जुलाई को अपने आदेश में पाकिस्तान को जाधव की सजा पर ''प्रभावी समीक्षा करने और अविलंब राजनयिक पहुंच मुहैया कराने का आदेश दिया था। पाकिस्तान द्वारा राजनयिक पहुंच दिये जाने के बाद भारतीय उच्चायोग के उप राजदूत गौरव अहलूवालिया ने 2 सिंतबर को जाधव से मुलाकात की थी।