November 22, 2024

छत्तीसगढ़ के चहुंमुखी विकास और हर वर्ग की भलाई पर विशेष जोर: CM बघेल

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 ‘छत्तीसगढ़-विकास, उपलब्धि और चुनौतियां‘ विषय पर चर्चा
रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के चहुंमुखी विकास के लिए हमारी सरकार द्वारा हर वर्ग और व्यक्ति की भलाई के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। विकास के इस पैमाने में केवल सड़क, पुल-पुलिया और भवन का निर्माण ही नहीं अपितु बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी हर जरूरतों की उपलब्धता शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गत दिवस यहां राजधानी रायपुर में निजी चैनल द्वारा ‘छत्तीसगढ़-विकास, उपलब्धि और चुनौतियां‘ विषय पर आयोजित परिचर्चा में इस आशय के विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों तथा संगठन को सम्मानित भी किया। श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य 19 साल का हो गया है। हमें चाहिए कि छत्तीसगढ़ के चौतरफा विकास के लिए हमारे पुरखों ने नया राज्य का जो सपना देखा था, उसे अमली-जामा पहनाने में कोई कसर न छोड़ी जाए। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा हर वर्ग और व्यक्ति की भलाई के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नए-नए कार्यक्रमों को लागू कर कुशलतापूर्वक चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों से भरा-पूरा प्रदेश है। यहां खनिज के प्रचुर संसाधन है। इसके अलावा राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। यहां मेहनतकश लोग निवासरत है। इसके साथ-साथ नदी-नाले, पशुधन तथा उर्वरा भूमि उपलब्ध है। इसे ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा राज्य में नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी जैसे महत्वपूर्ण योजना भी संचालित की जा रही है। श्री बघेल ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग कर हर व्यक्ति को ताकतवर और स्वावलंबी बनाना है। इसमें विगत वर्षाें की भांति केवल शहरी और क्षेत्र विशेष ही नहीं बल्कि समूचे ग्रामीण अंचल सहित छत्तीसगढ़ की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के उपाय शामिल हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बताया कि प्रदेश में किसान हो, मजदूर हो, व्यापारी हो, महिला हो चाहे युवा हो हर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कार्य हो रहे हैं। प्रदेश में लगभग 80 प्रतिशत लोग खेती-किसानी पर निर्भर है। यहां किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए प्रति क्विंटल के हिसाब से 2500 रूपए प्रदाय किया जा रहा है, जो देश में पहला राज्य है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहद मजबूती मिली है। प्रदेश में इससे पूरे व्यापार-व्यवसाय को बढ़ावा मिला है। इतना ही नहीं बल्कि बड़े तदाद में किसानों की कर्ज-माफी भी की गई है।
इसी तरह शहरी क्षेत्र में कलेक्टर गाइडलाईन में 30 प्रतिशत की कटौती की गई है। इसके फलस्वरूप पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष रजिस्ट्री की संख्या में एक लाख की बढ़ोत्तरी हुई है। राज्य में देश में आर्थिक मंदी के दौर के बावजूद ऑटोमोबाईल सेक्टर की रिटेल बिक्री में लगभग 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। रीयल एस्टेट क्षेत्र में पिछले जून-सितम्बर माह में प्राप्त 92 करोड़ रूपए राशि की तुलना में इस वर्ष जून से सितम्बर माह तक 152 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है। सराफा मार्केट में 84 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इस तरह छत्तीसगढ़ के सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए हरसंभव पहल की जा रही है।

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