November 23, 2024

बीजापुर के चेरपल्ली पंचायत में 34 लाख का गबन, सरपंच-सचिव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

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बीजापुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले के एक ग्राम पंचायत द्वारा 34 लाख रुपये की सरकारी राशि के गबन का मामला सामने आया है. आरटीआई (RTI) से मिले दस्तावेजों से इसका खुलासा हुआ है. ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव द्वारा फर्जी बिलिंग कर लाखों रुपयों की राशि गबन करने आरोप लगा है. इतना ही नहीं पंचायत सरपंच और सचिव पर वार्ड पंचों के गैरकानूनी तरीके से जाली हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत में प्रस्ताव पास कराने का भी आरोप लगा है.

बीजापुर (Bijapur) के भोपालपटनम (Bhopalpatanam) जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत आने वाले नेशनल हाईवे पर बसे चेरपल्ली (Cherapalli) ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव पर गंभीर आरोप लगे हैं. एक आरटीआई (RTI) से मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव ने फर्जी बिलिंग कर बड़ा भ्रष्टाचार किया है. इतना ही नहीं बल्कि वार्ड पंचों का आरोप है कि सरपंच और सचिव वार्ड पंचों के जाली हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत में प्रस्ताव भी पास करते हैं. जबकि ग्राम पंचायत में कब, कौन सा प्रस्ताव पास होता है इस बात की जानकारी वार्ड पंचों को होती ही नहीं है.

वार्ड पंच यालम आनंदराव और ग्रामीणों के मुताबिक चेरपल्ली ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव सालों से फर्जी बिलिंग कर लाखों रुपयों का आहरण कर चुके हैं. जहां केनाल ही नहीं उसकी मरम्मत, जहां सडक ही नहीं उसके मरम्मत, दूसरे विभाग द्वारा करवाये गये निर्माण कार्य के नाम पर फर्जी तरीके से आहरण के साथ ही ग्रामीणों द्वारा किये गये मरम्मत कार्य के नाम पर भी सरकारी राशि का फर्जी तरीके से आहरण कर लिया गया है. वार्ड पंचों द्वारा कइयों बार सरपंच सचिव के इन कारनामाों का विरोध किया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

चेरपल्ली निवासी और आरटीआई कार्यकर्ता नवीन मोरला के मुताबिक साल 2012 से 2018 के बीच सरपंच और सचिव ने फर्जी बिलिंग कर सरकार को 34 लाख रुपये का चूना लगाया है. आरटीआई से मिले दस्तावेजों के अध्ययन और ग्राम पंचायत के स्थल निरीक्षण के बाद ही पूरे प्रमाण के साथ आरोप सरपंच व सचिव पर लगे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता नवीन ने इसी बीते 19 नवंबर को जिला पंचायत सीईओ, बीजापुर कलेक्टर, बस्तर कमीश्नर से लेकर पंचायत मंत्री तक इस मामले की शिकायत के साथ ही जांच की मांग को लेकर अर्जी लगाई है.

अब इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच अपने बचाव में बयान देते नजर आ रहे हैं. सरपंच मट्टे प्रकाश और सचिव रविन्द्र मोरला का कहना है कि उनपर लग रहे सभी आरोप बेबुनियाद हैं. ग्राम पंचायत द्वारा सारे निर्माण कार्य तय समयावधि में पूर्ण कर लिये गये हैं, जिसके प्रमाण और दस्तावेज ग्राम पंचायत में सुरक्षित हैं. ग्राम पंचायत सचिव का कहना है कि साजिश के तहत कुछ लोगों द्वारा उनकी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से ऐसे आरोप लगाये जा रहे हैं.

सरपंच व सचिव पर लाखों रुपयों के गबन के आरोपों के सवाल पर जवाब देते हुए जनपद पंचायत सीईओ एसबी गौतम कहते हैं कि कुछ दिन पहले गबन से संबंधित शिकायत उनके पास भी आई थी. अब जल्द ही इस मामले की जांच कर दोषी पाये जाने पर सरपंच सचिव पर नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाएगी.

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