मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की समीक्षा
*अधूरे कार्यो को शीघ्र पूरा करने के निर्देश*
*नाला बंधान कार्यो में स्थानीय ग्रामीणों के सुझाव लिए जाएंगे*
*जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्रों के गौठानों का करें निरीक्षण*
*दोनों प्राधिकरणों के सदस्यों से नये कार्यो के प्रस्ताव आमंत्रित*
*आचार संहिता के चलते शहरी क्षेत्रों की नहीं की गई समीक्षा*
रायपुर, 30 नवम्बर 2019/मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण तथा अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की समीक्षा बैठक। बैठक में दोनों प्राधिकरणों से स्वीकृत किए गए कार्यो की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधूरे निर्माण कार्यो को गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। नगरीय निकायों के निर्वाचन की आचार संहिता को देखते हुए इन दोनों प्राधिकरणों में आने वाले शहरी क्षेत्रों की समीक्षा नही की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के अंतर्गत गांवों में आदर्श और दर्शनीय गौठानों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। वहां मापदंडों के अनुसार सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों से भी अपने-अपने क्षेत्रों में बन रहे गौठानों का सतत रूप से निरीक्षण करने का आग्रह किया। बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि केन्द्र सरकार से सीएसआर के नियमों में संशोधन करने का आग्रह किया जाए। बैठक में प्राधिकरणों के सदस्यों ने कहा कि सीएसआर के कामों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस मद से स्वीकृत किए जाने वाले कार्यो को मंजूरी देने वाली समिति में शामिल किया जाए। जिससे सीएसआर मद से स्थानीय आवश्यकता वाले कार्यो को स्वीकृति दी जा सके। मुख्यमंत्री ने दोनों प्राधिकरणों के सदस्यों से अगले दस दिन में नये प्रस्ताव देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि गांवों में ग्राम पटेलों की नियुक्ति की जाए और उन्हें नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना से जोड़ा जाए। बैठक में मिनी माता स्वावलंबन योजना और कृषकों के असाध्य सिंचाई पंपों के विद्युतीकरण के कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने नरवा योजना के अंतर्गत भूमिगत जल रिचार्ज करने और सतही जल को रोकने के लिए नाला बंधान और छोटे डेम के कार्यो को प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में इसरो की मदद से तैयार किए गए सेटेलाइट नक्शों का उपयोग किया जाए और बंधान कार्य में स्थानीय ग्रामीणों के सुझाव भी लिए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार नाले हैं। वर्तमान में 1028 नालों का डीपीआर तैयार कर लिया गया है।
बैठक में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, पंचायत मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत और श्री गुहाराम अजगले, सहित दोनों प्राधिकरणों के सदस्य, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल, अपर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।