राज्य निर्वाचन आयुक्त ने राजनीतिक दलों को दी नगरीय निकाय निर्वाचन के लिए संशोधित नियमों एवं दिशा-निर्देशों की जानकारी
राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ऑनलाइन नामांकन भरने और जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बारे में बताया गया विस्तार से
रायपुर. 27 नवम्बर 2019. राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह ने आज यहां राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नगरीय निकाय चुनाव के लिए संशोधित नियमों एवं दिशा-निर्देशों की जानकारी दी। उन्होंने आयोग द्वारा नगरीय निकाय चुनाव के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए घोषित कार्यक्रम के बारे में भी विस्तार से बताया। उल्लेखनीय है कि नगरीय निकायों में आम निर्वाचन के लिए आगामी 21 दिसम्बर को मतदान एवं 24 दिसम्बर को मतगणना होगी।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ठाकुर राम सिंह ने बैठक में ऑनलाइन नामांकन पत्र भरने और जरुरी दस्तावेज अपलोड करने की प्रायोगिक जानकारी दी। उन्होंने राजनीतिक दलों को इसका अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि यह ऑनलाइन सुविधा उम्मीदवारों की सहूलियत के लिए शुरु की जा रही है। इसमें वे अपने शपथ-पत्र, घोषणाएं एवं दस्तावेज भी अपलोड कर सकते हैं। श्री सिंह ने प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता के विभिन्न प्रावधानों के बारे में भी बताया। उन्होंने निष्पक्ष एवं पारदर्शी निर्वाचन सुनिश्चित करने राजनीतिक दलों से आदर्श आचरण संहिता का पूर्णतः पालन करने की अपील की।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बैठक में बताया कि तीन लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर निगमों में उम्मीदवारों के लिए निर्वाचन व्यय की अधिकतम सीमा पांच लाख रूपए और तीन लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों में तीन लाख रूपए निर्धारित है। नगर पालिकाओं के उम्मीदवारों के लिए यह सीमा डेढ़ लाख रूपए और नगर पंचायतों में 50 हजार रूपए है। निर्वाचन व्यय के लिए उम्मीदवारों को पृथक बैंक खाता खोलना होगा। उन्हें रोज के निर्वाचन व्यय का लेखा भी संधारित करना होगा।
राजनीतिक दलों को बैठक में छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम (संशोधन) अध्यादेश, 2019 तथा छत्तीसगढ़ नगरपालिक निर्वाचन निगम, 1994 में हुए संशोधनों के बारे में भी जानकारी दी गई। बैठक में राज्य निर्वाचन आयोग की सचिव सुश्री जिनेविवा किंडो और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित इंडियन नेशनल कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि मौजूद थे।