November 23, 2024

उम्र पर नहीं जाएं! 101 साल के हरिनारायण सिंह आज भी कर रहे हैं ये कमाल

0

सासाराम
आम तौर पर जहां लोग 60 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होकर आराम करते हैं, वहीं बिहार के रोहतास जिले की एक अदालत में ऐसे भी एक वकील हैं, जो आयु का सैकड़ा पार करने के बाद भी लोगों को न्याय दिलाने के लिए न्यायाधीश के सामने जिरह करते नजर आते हैं। आप अगर बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय के सासाराम व्यवहार न्यायालय में आएं तो वरिष्ठ वकील हरिनारायण सिंह आपको अपने स्थान पर कुर्सी पर बैठे या अदालत की सीढिय़ां चढ़ते या फिर न्यायाधीश के सामने दूसरे वकील से तर्क करते मिल जाएंगे।

सासाराम व्यवहार न्यायालय के वरिष्ठतम अधिवक्ता हरिनारायण सिंह आज भी अपनी वाकपटुता और कानून की जानकारी के तर्क पर प्रतिद्वंद्वी वकीलों को खामोश कर देते हैं। तत्कालीन शाहाबाद जिले के तिलई गांव में 21 सितंबर 1918 को जन्मे हरिनारायण सिंह ने साल 1948 में कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से बैचलर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की थी। सिंह कहते हैं कि उनके पिता चाहते थे कि वे वकील बनें, क्योंकि उस समय ज्यादातर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और नेता वकालत के पेशे से जुड़े हुए थे।

उन्होंने बताया, कोलकाता में अध्ययन कार्य पूरा करने के बाद मैं सासाराम लौट आया और साल 1952 में अनमुंडलीय न्यायालय में वकालत की प्रैक्टिस शुरू कर दी। मैंने मुवक्किल से सबसे पहले पांच रुपए फीस ली थी। चार पुत्र, एक पुत्री व 16 पोते-पोतियों से भरे-पूरे परिवार के 60 से अधिक सदस्यों के मुखिया हरिनारायण सिंह ने कुछ दिन कोलकाता में शिक्षक की नौकरी भी की थी, बाद में सासाराम आ गए।

गौरतलब है कि उनकी पत्नी बबुनी देवी की भी उम्र सौ साल हो गई है। दोनों ने साल 1941 में शादी की थी और अब उनकी शादी को करीब 78 वर्ष हो गए हैं। उन्होंने अपनी नियमित दिनचर्या को संयमित बताते हुए कहा कि वे आज भी सुबह चार बजे उठते हैं और दैनिक नित्यक्रिया से निवृत्त होकर साढ़े चार बजे टहलने निकल जाते हैं।

लगभग एक घंटा नियमित टहलते हैं। सुबह सात बजे से अपने कार्यालय में बैठ मुवक्किलों का कार्य शुरू कर देते हैं और 10 बजे कचहरी के लिए निकल जाते हैं। शाम चार बजे वे घर लौटते हैं। इस उम्र में भी वे बिना चश्मा के भी पढ़ लेते हैं और उनकी श्रवण-शक्ति भी पूरी तरह ठीक है। सिंह के पुत्र कृष्ण कुमार सिंह बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं।

वकील सिंह के पौत्र अभिषेक कुमार सिंह उर्फ सोनू सिंह ने आईएएनएस को बताया, बाबा की सीख से ही हम सभी परिवार आगे बढ़े हैं। परिवार में किसी के बीच किसी तरह का भेदभाव नहीं रहता, जिससे संबंधों की डोर और मजबूत होती है। बाबा के अनुशासन के विषय में पूछने पर इतना कहते हैं कि आज भी हममें से किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं की कि कोई उनके सामने कुछ ज्यादा बोल सके।

सासाराम व्यवहार न्यायालय के अन्य अधिवक्ता भी सिंह के कायल हैं। सासाराम की अदालत में अधिवक्ता सिंह की पहचान भूमि विवाद, जायदाद विवाद के मामले में अच्छे वकील के रूप में होती है। सासाराम शहर के गौरक्षणी मुहल्ले में रहने वाले देश के वयोवृद्ध अधिवक्ताओं में से एक सिंह खुद अपने मुवक्किलों के लिए जवाब, बहस व अन्य कागजात तैयार करते हैं और न्यायाधीशों के समक्ष न्यायिक प्रक्रिया में भाग लेते हैं।

स्वस्थ रहने के मामले में अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों सहित आमलोगों के लिए नजीर बने सिंह का कहना है कि किसी को कभी भी अपने जीवन से निराश नहीं होना चाहिए। इस बुजुर्ग दंपति के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में पैतृक गांव तिलई में 13 नवंबर को एक सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया था, जिसमें पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता सहित कई न्यायाधीश भी पहुंचे थे और इस दंपति की लंबी उम्र की कामना की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *