November 24, 2024

टीईटी में 50 फीसदी अंकों की अनिवार्यता खत्म

0

लखनऊ
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अर्हता में बड़ा बदलाव किया है। एनसीटीई ने जुलाई 2011 के पूर्व स्नातक परीक्षा में 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले बीएड धारकों को टीईटी में शामिल होने की अनुमति दे दी है। एनसीटीई की अधिसूचना में कहा गया है कि स्नातक परीक्षा में अभ्यर्थी के अंक चाहे कुछ भी हों, उसे शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है।

एनसीटीई ने 13 नवंबर 2019 को नोटिफिकेशन में 23 अगस्त 2010 व 29 जुलाई 2011 के पूर्व आदेशों में संशोधन कर दिया है। एनसीटीई की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि अभ्यर्थियों ने 2011 के बाद बीएड किया है तो स्नातक अथवा परास्नातक परीक्षा में किसी भी एक में 50 फीसदी या इससे अधिक अंक पाने वाले अभ्यर्थी भी टीईटी में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले स्नातक में 50 फीसदी अंक पाना अनिवार्य था।

एनसीटीई की ओर से यह नोटिफिकेशन दो जुलाई 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से जगन्नाथ शुक्ला एवं नीरज राय के केस में जारी आदेश के अनुपालन में किया गया है। इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले जगन्नाथ शुक्ल के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी ने बताया कि 2011 में एनसीटीई एक्ट में संशोधन से पहले देश भर में बीएड करने वाले कई लाख अभ्यर्थियों को बदलाव से राहत मिलेगी। पूर्व में एनसीटीई की ओर से 29 जुलाई 2011 को नियमों में संशोधन के बाद 50 फीसदी से कम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया था।

एनसीटीई के इस बदलाव के बाद सीबीएसई की ओर से होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी), उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी) सहित उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान सहित देश के अन्य राज्यों में होने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा के नियमों में बदलाव करना होगा। नियमों में बदलाव के बाद अब उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा की तिथि बढ़ाकर उसमें शामिल करने की अभ्यर्थी मांग कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *