November 24, 2024

धान मुद्दे पर बृजमोहन ने सरकार को घेरा, सरकार से वादे के मुताबिक 2500 रुपये क्विंटल में तत्काल धान खरीदी शुरू करने की कही बात

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*●विधानासभा सत्र का पहला दिन●*

रायपुर/25/11/2019/ *जमीन जल चुकी है,आसमा बाकी है।धान खरीदी करने का, इंतिहान बाकी है। राज्य सरकार तत्काल धान खरीदी करें, नहीं तो मकान गिरवी है बेटी का हाथ पीला होना बाकी है।* छत्तीसगढ़ विधानसभा के भीतर सत्र के पहले दिन कुछ इस अंदाज में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने किसानों की पीड़ा व्यक्त की।
धान खरीदी के मुद्दे पर किसानों का दर्द बयां करते हुए बृजमोहन ने कहा कि किसान अपना धान बेचने जाए भी तो कहां जाए। उसे तो दोहरी मार पड़ रही है। न सरकार धान खरीद रही है और ना ही व्यापारी धान खरीद रहे हैं।
*◆सभी किसानों की चिंता करनी होगी*
बृजमोहन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप ही कहते थे कि छत्तीसगढ़ में 48 लाख किसान हैं और अब आप ही 14 लाख किसानों के धान खरीदने की बात कह रहे है।
उन्होंने कहा कि हमको सभी किसानों के बारे में विचार करना पड़ेगा । खेती – किसानी करने वाले मजदूर, अधिया – रेगहा में खेती करने वाले किसानों की भी चिंता करनी होगी। ऐसे किसान जिन्होंने पंजीयन नहीं करवाया है जो प्रायवेट लोगों से कर्ज लेकर काम करते हैं उनके बारे में भी विचार करना पड़ेगा । जब तक हम सबके बारे में संयुक्त रूप से विचार नहीं करेंगे तब तक किसानों की बदहाली को दर नहीं कर सकते।
*पंप कनेक्शन,सब्सिडी बंद क्यों?*
बृजमोहन ने पंप के कनेक्शन के बारे में सवाल पूछते हुए कहा कि पिछले एक साल में राज्य में पंप के कनेक्शन क्यों नहीं दिए जा रहे हैं ? बिजली विभाग से पंप का कनेक्शन देने के लिए जो 1 लाख रूपये सब्सिडी मिलती थी , उसे देना बंद कर दिया गया है । सोलर पंप के कनेक्शन जो हमारी भाजपा सरकार ने तय किए थे उसे आपने देना बंद कर दिया ।
बृजमोहन ने सदन के माध्यम से मुख्यमंत्री से पूछा की जनवरी से अब तक कितनी बिजली का उत्पादन हआ , कितनी कटौती हुई। किसानों के पंप में बिजली नहीं मिली? किसान अपनी सिंचाई नहीं कर पाया? किसान फसल उत्पादन नहीं कर पाया उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा ? हमको संयक्त रूप से इस मामले में विचार करना पड़ेगा ।
*जप्त धान 75 फीसदी राज्य के किसानों का,अन्याय-अत्याचार कर रही सरकार*
जप्त धान को लेकर सरकार के दावों पर उंगली उठाते हुए बृजमोहन ने कहा की बाहरी कहकर अब तक जप्त किये गए 1 लाख क्विंटल धान में 75 हजार क्विंटल धान छत्तीसगढ़ की धरती में पैदा हुआ है। कहीं बाहर से नहीं आया है । यह बात मैं दावे के साथ कह सकता हूँ।बाहर से आने वाला 25 हजार क्विंटल होगा ।
उन्होंने सरकार से कहा आप सबूत दिखाये ।सरकार अगर साबित कर देंगे कि 1 लाख टन धान बाहर से आया है तो मैं विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा।
उन्होंने कहा कि सीमा पर चौकसी रखे। धान के अवैध परिवहन के दोषियों को जेल भेजिए , सील करिये , गाड़ियों को जप्त करिये , हमें कोई एतराज नहीं है। पर छत्तीसगढ़ की धरती में पैदा हआ एक – एक दाना धान खरीदना आपकी जिम्मेदारी है । उसे जप्त करके किसानों के साथ अन्याय और अत्याचार कर रहे हैं।
*●सरकार से सवाल -एक नवंबर से क्यों नही की धान खरीदी●*
बृजमोहन ने सरकार पर सवाल दागते हुए कहा कि धान एक नवंबर से क्यों नहीं खरीदा ? आपको खरीदने में क्या दिक्कत थी ? क्या तकलीफ थी ? मैंने पिछले दिनों की प्रेस कांफ्रेंस देखी , उसमें कहा कि किसानों का धान गिला है , अभी कटाई नहीं हुई है । परंतु जिन्होंने कटाई कर लिया है , जिनका सूखा धान है , जो बेचने आतें हैं , जिनको तकलीफ है , उनका धान तो खरीदा जा सकता था । हमारी सरकार ने हमेशा दीवाली के पहले धान खरीदने की शुरूआत की थी कि जो किसान जरूरतमंद हैं , जिनको दीवाली मनाने के लिए पैसा चाहिए । जो धान बेचना चाहते हैं उनका धान हम खरीदते थे। उस वक्त बहुत कम धान आता था , एक प्रतिशत धान भी नहीं आता था । परंतु अगर एक हजार किसानों के घर में भी दीवाली का दिया जल गया तो हमारा जो प्रयास है वह सफल हो जाता है ऐसा हम सोचते थे । अगर किसान अगर दवाई नहीं खरीद पा रहा है, एक किसान गरम कपड़ा नहीं खरीद पा रहा है ऐसे में तो अंतरात्मा कचोटना चाहिए ।
सरकार में थोड़ी भी अगर गैरत है तो कल से किसानों का धान खरीदना शुरू कर दीजिए ।
एक नवंबर से धान खरीदने की सरकार की तैयारी होती है । पर यह सरकार बार केन्द्र सरकार , केन्द्र सरकार कर रहे हैं , 2500 रूपये में वादा आपने किया है , आपको खरीदना होगा। केंद्र और राज्य के नियम कानून के झगड़े से किसानों का क्या लेना देना आपने वादा किया है आप वादा निभाइये।
बृजमोहन ने कहा धान का मुद्दा छत्तीसगढ़ में आग लगाने वाला मुद्दा है। यह किसानों के जीवन से जुड़ा हुआ मुद्दा है। धान के नाम पर किसानों की भावनाओं से जो खिलवाड़ करेगा उसे जनता कभी माफ नहीं करेगी।

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