ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने कहा है कि अजित पवार को सिंचाई घोटाले में अभी कोई राहत नहीं
मुंबई
महाराष्ट्र ऐंटी करप्शन ब्यूरो ने सोशल मीडिया में राज्य के डेप्युटी सीएम अजित पवार को सिंचाई घोटाले में राहत मिलने की खबरों को अफवाह बताया है। एसीबी ने कहा कि अजित पवार के खिलाफ आज कोई मामला बंद नहीं किया गया है। एसीबी ने कहा कि सिंचाई घोटाले से जुड़े करीब 3 हजार टेंडरों की भी जांच चल रही है। उधर, इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है। बताया जा रहा है कि 9 मामलों में अजित पवार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है।
एसीबी ने यह भी कहा कि अगर कोर्ट जांच के आदेश देगा या कुछ नए सबूत सामने आते हैं तो हम जांच करने के लिए तैयार हैं। एसीबी के डीजी परमबीर सिंह ने कहा, 'हम सिंचाई घोटाले से जुड़े 3 हजार टेंडरों को लेकर हुई शिकायतों की जांच कर रहे हैं। ये रोजमर्रा की जांच है जो बंद हुई है। जिन मामलों में पहले से जांच चल रही है, वे आगे भी जारी रहेंगी।'
रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला
उधर, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर। एक नाजायज़ सरकार द्वारा ऐंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुकदमे बंद करने का आदेश। खाएंगे और खिलाएंगे भी, क्योंकि यह ईमानदारी के लिए ज़ीरो टोलरेंस वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।'
बता दें कि एनसीपी नेता अजित पवार सिंचाई घोटाले को लेकर आरोपों के घेरे में हैं। एसीबी ने कहा है कि अभी अन्य टेंडरों की जांच जारी है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने ऐंटी करप्शन ब्यूरो को पत्र लिखकर सिंचाई घोटाले से जुड़े दस्तावेज मंगाए थे। इस घोटाले को ईडी कुछ समय से इनवेस्टिगेट कर रहा है।
अजित पवार से एसीबी ने की थी पूछताछ
इस मामले में हाल ही में अजित पवार से एसीबी ने पूछताछ भी की थी। गौरतलब है कि वर्ष 2012 में यह घोटाला सामने आया था। इसमें आरोप लगा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के शासनकाल के दौरान 1999-2000 में 35 हजार करोड़ करोड़ रुपये की अनियमिततताएं सामने आईं थीं। माना जा रहा था कि अजित पवार से ईडी पूछताछ कर सकता है।
ईडी पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग का चार्ज भी लगाने पर विचार कर रहा था। एसीबी ने इस केस में कुछ सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था। अजित पवार पर ऐसे आरोप थे कि उपमुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने सिंचाई से जुड़े हर तरह के प्रॉजेक्ट्स और उनके बढ़ते हुए बजट को मंजूरी दी थी। इसी के चलते वह शक के दायरे में आ गए थे। अजित पवार सिंचाई घोटाले के अलावा अजित पवार महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक घोटाले में भी आरोपी हैं।