झारखंड में आज गरजेंगे पीएम मोदी, पलामू और गुमला में करेंगे जनसभा
नई दिल्ली
झारखंड में विधासभा चुनावों की तैयारियों में बीजेपी जी-जान से जुट गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड से अपनी चुनावी रैली का आगाज करेंगे. बीजेपी अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह जहां आदिवासी बहुल इलाके मनिका और लोहरदगा की धरती से 21 नवंबर को चुनावी बिगुल फूंक चुके हैं, वहीं आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड के पलामू और गुमला में विधानसभा चुनावों का बिगुल फूकेंगे. प्रधानमंत्री दोनों जगह जनसभा को संबोधित करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां पलामू में सुबह 11 बजकर 30 मिनट से चुनावी रैली को संबोधित करेंगे, वहीं दोपहर 1 बजकर 25 मिनट से गुमला में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस रैली में भारी भीड़ होने की संभावना जताई जा रही है. स्थानीय प्रशासन ने इसके मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए हैं.
झारखंड विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए पार्टी के दिग्गज नेता पहले ही उतर चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विश्रामपुर और भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र में रविवार को ही रैली कर चुके हैं, वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी छतरपुर और रंका में चुनावी रैलियां कर चुकी हैं.
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी झारखंड में चुनावी रैली कर चुके हैं. ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा का बेसब्री से इंतजार रहा है. दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में 5 से 8 चुनावी जनसभा कर सकते हैं.
शांतिपूर्ण चुनाव के लिए तैयारियां पूरी
गौरतलब है कि झारखंड में शांतिपूर्ण चुनाव कराना चुनाव आयोग और प्रशासन के लिए चुनौती माना जाता रहा है. चुनाव से पहले शुक्रवार रात लातेहार के चंदवा में नक्सलियों के हमले में चार पुलिसकर्मियों के शहीद होने की घटना से पुलिस की तैयारी पर भी प्रश्न उठने लगे हैं. हालांकि पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पूरी तैयारी है. ऐसे में प्रधानमंत्री की रैली भी प्रस्तावित है, जिसके लिए हर जगह सुरक्षा व्यवस्था तेज कर दी गई है.
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान का कार्यक्रम रखा गया है. इस विधानसभा चुनाव में इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस और चुनाव आयोग पूरी तरह जुटे नजर आ रहे हैं. आम तौर पर माना जाता है कि झारखंड के अधिकांश जिलों में कमोबेश किसी न किसी नक्सली संगठन का प्रभाव है. पहले चरण में 30 नवंबर को जिन छह जिलों के 13 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है, वे सर्वाधिक नक्सल प्रभावित हैं. ऐसे में सुरक्षाबलों के लिए प्रथम चरण का चुनाव सुरक्षा के लिहाज से सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. प्रथम चरण में लातेहार, चतरा, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला और पलामू जिलों में मतदान होना है.
कैसी हैं चुनाव की तैयारियां?
केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम भी झारखंड का दौरा कर सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर सभी तैयारियों की समीक्षा कर चुकी है. चुनाव कराने और विभिन्न क्षेत्रों में मतदाताओं में विश्वास जगाने को लेकर अलग-अलग सुरक्षा बल मुहैया भी कराए गए हैं. चुनाव आयोग ने भी स्वीकर किया है कि झारखंड के मात्र 81 विधानसभा सीटों के लिए पांच चरणों में मतदान कराए जाने का निर्णय सुरक्षा के दृष्टि से लिया गया है. माना जाता है कि आयोग की सोच सभी इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों की व्यापक तैनाती को लेकर हो सकती है.
दरअसल झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के अलावा भी कई नक्सली संगठन के हथियारबंद दस्ते गठित हैं, जो चुनाव की बहिष्कार की घोषणा करते रहे हैं.
क्या कहते हैं नक्सली वारदात के आंकड़े?
आंकड़ों पर गौर करें तो झारखंड बनने के बाद हुए तीन विधानसभा चुनावों में नक्सली संगठन छोटी-बड़ी वारदातों को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं. झारखंड में पहली बार 2005 में हुए चुनाव के दौरान राज्य के विभिन्न थाना क्षेत्रों में 19 नक्सली घटनाएं दर्ज की गई थीं , जबकि 2009 के चुनाव में इनकी संख्या दो दर्जन से अधिक बताई जा रही है. वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में नक्सली वारदात की 15 घटनाएं सामने आई थीं.