विश्वदाय सप्ताह में व्याख्यान का आयोजन
रायपुर
संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा विश्वदाय सप्ताह के अंतर्गत महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर के सभागार में धरोहरों की सुरक्षा, संरक्षण और प्रबंधन पर केन्द्रित व्याख्यान का आयोजन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातŸव अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश नंदिनी परिहार ने मूर्त धरोहरों के साथ ही अमूर्त विश्वदाय की जानकारी देते हुए उनके संरक्षण के लिए लोगों में जनजागृति लाने आवश्यकता बताई।
रमेन्द्रनाथ मिश्र ने अपने वक्तव्य में प्रदेश के धरोहरों की चर्चा करते हुए विगत 50 वर्षों में राज्य के इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र में हुए कार्यों का उल्लेख किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के इतिहास और पुरातत्व के क्षेत्र कर्मठ पूर्व विद्वानों का भी स्मरण किया और रायपुर नगर के प्रमुख धरोहरों की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों एवं जनसमुदाय को उनके सुरक्षा और रखरखाव के प्रति संकल्पित होने का संदेश दिया।राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली से आये विषय विशेषज्ञ डॉ. संजीव कुमार सिंह ने विश्वदाय सप्ताह आयोजन की व्यापकता का उल्लेख करते हुए प्राचीन अमूक, स्थित और स्थूल विरासतों की परंपरा के गतिशील, संवादी और वैश्विक प्रकृति से परिचित कराया गया। उन्होंने भारतीय कला परंपरा की यात्रा पर केन्द्रित छायाचित्र दिखाकर उनसे संबंधित जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि इन धरोहरों के निर्माण में हमारे प्राचीन कला कौशल और तकनीक का ज्ञान समाहित है और उस परंपरा को संरक्षित कर अक्षुण्ण बनाये रखने की जरूरत है।
इस अवसर पर लोकरंजनी संस्था रायपुर के डॉ. पुरूषोत्तम चंद्राकर एवं साथियों द्वारा राज्यगीत अरपा पैरी के धार… छत्तीसगढ़ों एवं राज्य के धरोहरों पर केन्द्रित सांगीतिक प्रस्तुति दी गई। आयोजन में विश्वविद्यालय, महाविद्यालय के प्राध्यापक, शोधार्थी, विभिन्न विद्यालयीन छात्र-छात्राएं, इतिहास एवं पुरातत्व में रूचि रखने वाले गणमान्य नागरिकों सहित विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे। संचालक अनिल कुमार साहू ने अतिथि विद्वानों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन उप संचालक राहुल कुमार सिंह ने किया।