November 1, 2024

गर्भाशय की टीबी बना सकती है बांझ

0

 

गर्भाशय टीबी महिलाओं को होने वाला एक रोग है, जिसकी वजह से महिलाएं बांझपन का शिकार भी हो जाती है। माइको बैक्‍टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होने वाला यह रोग फेफड़ों को अधिक प्रभावित करता है। टीबी एक ऐसी संक्रामक बीमारी है जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।

जब ये संक्रमण फैलोपियन ट्यूब से यूट्रस की लाइन‍िंग में फैलता है तो जननांगों की टीबी हो सकती है इसे पेल्विक या यूट्रस टीबी कहते हैं। इस रोग में महिला की ओवरी, जननांग और सर्विक्‍स भी प्रभावित हो सकते हैं।

कैसे ये टीबी आपको बना सकता है बांझ
इसे पेल्विक टीबी के रुप में भी जाना जाता है, आमतौर पर फेफड़ों में इंफेक्‍शन होने पर इस बीमारी का पता चल जाता है लेकिन अगर बैक्‍टीरिया गर्भाशय पर हमला करते हैं तो महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। टीबी से फैलोपियन ट्यूब को गंभीर रुप से नुकसान पहुंचता है। किसी भी प्रकार के टीबी से ग्रस्‍त होने पर महिलाओं में गर्भाशय या पेल्विक टीबी होने का 30 प्रतिशत तक खतरा बढ़ जाता है। 5-10 प्रतिशत में हाइड्रो सल्पिंगिटिस होता है, जिसमें पानी ट्यूब में भर जाता है, जो बांझपन का खतरा बढ़ाता है। वहीं टीबी बैक्‍टीरिया मुख्‍य रुप से फैलोपियन ट्यूब को बंद करता है, जिससे नियमित मासिक धर्म नहीं आते है या पूरी तरह से रुक जाते हैं। इससे बचने के ल‍िए जरुरी है कि लक्षण पहचानकर समय पर इलाज करवाया जाए।

यूट्रस टीबी के शुरूआती लक्षण क्या हैं?
गर्भाशय टीबी की प्रारंभिक लक्षणों का पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है। इस रोग का संदेह होने पर, जाँच कराने के लिए अच्छी सलाह की आवश्यकता होती है, आइए जानते है इसके कारण-

यदि महिला को पहली बार गर्भधारण करने में असमर्थता उत्पन्न होती है।
– काफी समय से थकावट
– लो ग्रेड फीवर
– पेट-संबंधी परेशानी या दर्द
– योनि स्राव और मासिक धर्म अनियमितताओं होना
– इनमें से कोई भी लक्षण द‍िखने पर अच्छी तरह से जांच कराएं।

 

बचाव के उपाय
– भीड़-भाड़ वाले स्‍थानों से रहें दूर
– प्राइवेट पार्ट की सफाई पर खास ध्‍यान दें
– नियमित रुप से शारीरिक जांचे करवाएं
– टीबी का इंजेक्‍शन लगवाएं
– हरी सब्जियां और फल खाएं
– नियमित रुप से एक्‍सरसाइज करें
– प्रदूषण से बचकर रहें
– जंक और फास्‍ट फूड्स से परहेज करें

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *