छत्तीसगढ़ की अपूर्व जनजातीय संस्कृति हो रही उजागर-उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटेल
रायगढ़
हमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध जनजातीय संस्कृति को विश्व पटल पर रखना है। ऐसा अवसर प्रदान करना है जहां छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक प्रखर रूप में प्रगट हो सके और छत्तीसगढ़वासी गौरवान्वित हो सके। नेशनल ट्रायबल फेस्टिवल छत्तीसगढ़ की अपूर्व संस्कृति को उजागर कर रहा है कि हमारी आदिवासी संस्कृति कितनी महत्वपूर्ण है। उक्त बातें उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल ने आज पंजरी प्लांट स्थित न्यू ऑडिटोरियम में आयोजित नेशनल ट्रायबल फेस्टिवल के अवसर पर कही।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री पटेल ने कहा कि हमारी छत्तीसगढ़ी आदिवासी संस्कृति की अपनी एक विशेष पहचान है, हमें अपनी संस्कृति को राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर पर सामने लाने की जरूरत है, ताकि सभी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को समझ सके। शासन की ओर से इस दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता विकासखण्ड, जिला एवं प्रदेश स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। जहां चयनित प्रतिभागी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तरीय फेस्टिवल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को न्यौता भी देंगे, ताकि वे छत्तीसगढ़ की संस्कृति से परिचित हो सकेंगे।
विधायक श्री प्रकाश नायक ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रयासों से छत्तीसगढ़ की परम्परा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य चल रहा है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति देश में विख्यात रही है। विधायक श्री चक्रधर सिदार ने कहा कि विकासखण्ड स्तर पर आयोजित प्रतियोगिता से चयनित प्रतिभागी इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से जिले एवं प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर श्री यशवंत कुमार ने कहा कि हमें अपनी छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति को अक्षुण्य बनाये रखने की जरूरत है। उन्होंने सभी टीम को अच्छे प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी। जिला पंचायत सीईओ सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना है और सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करना है।
उत्सव का शुभारंभ कथक नृत्यांगना श्रीमती सोमा दास ने कथक से किया। ढोल, नंगाड़े एवं मृदंग की थाप पर जब लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी तो ऐसा समां बंधा कि छत्तीसगढ़ की अद्भूत संस्कृति जीवन्त हो उठी। मानव पिरामिड बनाकर लोक कलाकारों की बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति देखकर दर्शक अभिभूत हो उठे। कर्मा दल खरसिया के कलाकारों ने तेन्दूपत्ता तोड़े ल जाबो डोंगरी म डोंगरी मा रे…. गीत पर मनमोहक गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी। ग्राम-कठरापाली घरघोड़ा के कर्मा नृत्य समूह ने विविधता पूर्ण ग्रामीण संस्कृति को मांदर बाजे कर्मा नाचे गीत नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। जिसमें जनजातीय संस्कृति के हर्ष एवं उल्लास के अभिव्यक्ति दिखाई दी। इस अवसर पर नवागांव जयसेवा दल धरमजयगढ़ के कलाकारों ने डंडा नृत्य, महिला आदिवासी, कर्मा नृत्य दल तोलमा लैलूंगा द्वारा कर्मा नृत्य, जय मां करमसेनी कर्मा पार्टी मौहापाली तमनार द्वारा पारंपरिक वाद्य यंत्र मांदर, निशांत एवं करताल बजाकर करमसेनी माता एवं ग्राम के देवी-देवताओं की आराधना करने के लिए कतारबद्ध होकर सामूहिक नृत्य किया गया। छत्तीसगढ़ी लोककला मंच अंगना के देवना सिवारपाली रायगढ़ के कलाकारों द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी गई। विवाह, फसल कटाई, पारंपरिक त्यौहार एवं अन्य अवसरों पर किए जाने वाले नृत्य की मोहक प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के आंरभ में प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति छात्रावास की छात्राओं द्वारा राजगीत अरपा पैरी के धार का गायन किया गया। पोस्ट मैट्रिक शासकीय कर्मचारी पुत्री छात्रावास की बालिकाओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत दिया गया।
महिला आदिवासी कर्मा नृत्य दल तोलमा लैलूंगा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
महिला आदिवासी कर्मा नृत्य दल तोलमा लैलूंगा के नृत्य समूह ने प्रथम स्थान, कर्मा दल खरसिया के नृत्य समूह ने द्वितीय स्थान, जय मां करमसेनी कर्मा पार्टी मौहापाली तमनार के नृत्य दल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री रामकुमार भगत, श्री अरूण मालाकार, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री जितेन्द्र गुप्ता सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।