November 24, 2024

अयोध्या: रिव्यू पिटिशन दाखिल नहीं करेगा जमीयत

0

लखनऊ
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने रिव्यू पिटिशन दाखिल करने को लेकर अपना स्‍पष्‍टीकरण दिया है। अब जमीयत का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करेगा। दिल्ली में जमीयत की नैशनल वर्किंग कमिटी की बैठक में अदालत के फैसले को चुनौती नहीं देने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

इससे पहले जमीयत की तरफ से अजीमुल्‍लाह सिद्दीकी ने बताया था कि नैशनल वर्किंग कमिटी की बैठक में अयोध्‍या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का प्रस्‍ताव पारित किया गया है। गौरतलब है कि एक अन्‍य मुस्लिम संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने अयोध्या विवाद पर पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया है। 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में विवादित 2.77 एकड़ जमीन पर राम जन्मभूमि न्यास को मालिकाना हक देने का आदेश सुनाया था। 17 नवंबर को एआईएमपीएलबी ने अपनी बैठक में फैसला लिया था कि वह अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 30 दिन के भीतर ही रिव्यू पिटिशन दायर करेगा।

बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने बोर्ड की वर्किंग कमिटी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि अयोध्या मामले पर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार की याचिका दाखिल की जाएगी। बोर्ड ने यह भी कहा कि मस्जिद की जमीन के बदले में मुसलमान कोई अन्य जमीन कबूल नहीं कर सकते हैं।

जफरयाब जिलानी ने कहा, 'बोर्ड का मानना है कि मस्जिद की जमीन अल्लाह की है और शरई कानून के मुताबिक, वह किसी और को नहीं दी जा सकती। उस जमीन के लिए आखिरी दम तक कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।' जिलानी ने आगे कहा, '23 दिसंबर 1949 की रात बाबरी मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियां रखा जाना असंवैधानिक था तो सुप्रीम कोर्ट ने उन मूर्तियों को आराध्य कैसे मान लिया। वे तो हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार भी आराध्य नहीं हो सकते।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *