November 24, 2024

पीएफ घोटाला : RBI ने DHFL बोर्ड को भंग किया, प्रशासक नियुक्त

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 लखनऊ 
उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के भविष्य निधि को लेकर चर्चाओं में चल रहे दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. के मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने डीएचएफएल बोर्ड (निदेशक मंडल) को भंग करते हुए प्रशासक की नियुक्ति कर दी है। माना जा रहा है कि आरबीआई के इस कदम से कर्मचारियों के पीएफ की फंसी धनराशि की वापसी का रास्ता खुलेगा।

बतादें कि बिजली कार्मिकों के पीएफ का 26 अरब रुपये फंसने के बाद पावर कारपोरेशन ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को पत्र लिखकर कर्मचारियों का पैसा वापस दिलाने का अनुरोध किया था। आरबीआई द्वारा डीएचएफएल को अधिग्रहित कर प्रशासक नियुक्त करने की खबर बुधवार की शाम तक आम हो गई थी। आरबीआई ने इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व एमडी व सीईओ आर. सुब्रामणिकुमार को डीएचफएल का प्रशासन नियुक्त किया है। बताया जाता है कि प्रशासक की नियुक्ति कर्मचारियों के हित में है। बैंक जमाकर्ताओं की धनराशि दिलाने के लिए प्रशासन के स्तर से ठोस कदम उठाए जाएंगे।

मुंबई हाई कोर्ट में डीएचएफएल ने पैसे की वापसी का भरोसा दिया
उधर, बिजली कार्मिकों के भविष्य निधि की धनराशि वापस कराने संबंधी याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान डीएचएफएल के वकील ने कहा कि उन्हें भुगतान करने की छूट दी जाए तो बकाए धनराशि को नियमानुसार वापस कर देंगे। आगे भी जो देनदारी होगी उसे भी डीएचएफएल नियमित देता रहेगा। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने मुंबई हाई कोर्ट में बीते 18 नवंबर को याचिका दायर कर डीएचएफएल से कर्मचारियों के भविष्य निधि धनराशि को वापस दिलाने की अपील की थी। मुंबई हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एके मेनन कर रहे हैं।

यूपीपीसीएल की तरफ से अधिवक्ता डी. खंभाटा और केविक शीतलवाड़ ने कर्मचारियों की बात रखी। यूपीपीसीएल से मिली जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट ने यूपीपीसीएल की सुनवाई के पश्चात डीएचएफएल के खिलाफ पहले से लंबित मामले की सुनवाई भी की। यह सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अब 28 नवंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है।

कर्मचारियों के लिए सरकार सभी मोर्चों पर कर रही काम
इस बाबत पूछे जाने पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों के साथ है। उनके पाई-पाई का हिसाब होगा। इसी क्रम मे कार्मिकों के पैसे की वापसी के लिए प्रदेश सरकार सभी मोर्चों पर काम कर रही है। कर्मचारियों के हित में ही कारपोरेशन ने मुंबई हाईकोर्ट तक में याचिका दायर किया, जिस पर सुनवाई शुरू हो गई है

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