बीए इतिहास के सेलेबस से रामायण-महाभारत हटाने की तैयारी, विरोध भी
वाराणसी
बीएचयू में स्नातक के इतिहास विषय से रामायण और महाभारत के साथ वैदिक काल का अध्याय हटाकर नया सेलेबस तैयार करने की चर्चा है। हालांकि यह अभी तक सबमिट नहीं किया गया है क्योंकि पाठ्यक्रम हटाने की इस चर्चा का कुछ शिक्षको ने विरोध किया। सूत्रों ने बताया कि विभाग में सोमवार (18 नवंबर) को नए सेलेबस तैयार करने को लेकर एक बैठक हुई। जिसमें बीए इतिहास के पाठ्यक्रम में से वैदिक काल के साथ ही रामायण व महाभारत को हटाने पर चर्चा की गई।
इतिहास विभाग के एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीए प्रथम वर्ष के इतिहास पाठ्यक्रम में से वैदिक काल तथा रामायण व महाभारत को अलग करने की पूरी योजना बनी है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में से यदि इसे अलग कर दिया जाएगा तो बच्चे आखिर क्या पढ़ेंगे। इसलिए यह निर्णय गलत है। इसपर सहमति न बनने से फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में चला गया है।
मंगलवार (19 नवंबर) को दिनभर सोशल मीडिया पर रामायण व महाभार पाठ्यक्रम को हटाने की बड़ी चर्चा तैरती रही। छात्रों में भी इस खबर की चर्चा रही। विश्वविद्यालय परिसर में दिन भर इसको लेकर चर्चा का माहौल गरम रहा। दबी जबान से लोग पाठ्यक्रम में बदलाव पर चर्चा कर रहे थे। इस बाबत पूछे जाने पर बीएचयू के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह ने अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई सेलेबस फिलहाल सबमिट नहीं हुआ है।