50 हजार नहीं दिया तो थानेदार ने नहीं लिखी रपट ,1 साल बाद भी फरियादी छान रहे इधर उधर की खाक ,12 परिवारों के ऊपर टूटा रोजी रोटी का खतरा
रायपुर, साल भर पहले की बात है , ट्रको के कारोबारी अफ़रोज़ ख्वाज़ा अपने ट्रांसपोर्ट के व्यसाय के कार्यो में व्यस्त थे तभी उनके मोबाइल पर फोन उनके यहाँ कार्यरत वाहन चालक का आया उसने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोगो द्वारा ट्रक को रुकवाया गया है और गाड़ी के कागज पेपर की माँग की जा रही भैय्या क्या करूँ?
जिस पर फरियादी ख्वाजा अफ़रोज़ ने अपने कर्मचारियों को कहा कि गाड़ी के पेपर व जो माल ट्रक में लोड है साहब को दिखा दो, और जो साहब मयनिग विभाग की तरफ से आए है उनसे मेरी फोन पर बात करवा दो,, मैं जरूरी कामो में उलझा हुआ हूं हो सकता है मेरे बात करने से कोई रास्ता निकल जाए, इतना कहना सुनने के बाद ट्रक चालक ने मयनिग विभाग की तरफ से आए कर्मचारियों की तरह फोन बढ़ते हुए कहा कि साहब सेठ जी से बात कर लीजिए तब दूसरी तरफ से अधिकारी बन कर आए व्यक्ति द्वारा मुझे पहले तो भृमक बाते बताने लगा व अपने को खनिज विभाग के कवर साहब के साथ आया हु कह कर डराने चमकाने लगा. व गाड़ी को थाने ले चलने का आदेश दिया तो मैं ने कहा साहब गाड़ी चालक से कोई गलती हुई है। तो एक बार माफ करे मुझे बताए आखिर ऐसी क्या वजह आन पड़ी की गाड़ी को थाने आप के द्वारा भिजवाया जा रहा है। जिस पर खनिज अधिकारी बनकर आए बहरूपिए ने आवेश में आ कर मुझ से बदतमीजी करने लगा साथ ही गाड़ी को थाने ले चलने की जिद करने लगा, तो मैने कहा सर मैं घरेलू कार्यो में थोड़ा व्यस्त हु कृपा मुझे कुछ समय की मोहलत दे मैं स्वयं उपस्थित होता हूं। परंतू अधिकारी बनकर आए बहरूपिया वयसमुनि जो कि कभी अपने आप को पत्रकार तो कभी फारेस्ट अधिकारी और न जाने कितने ही छदम नामो और उपाधियों के नाम पर पहले भी ट्रांसपोर्टरो को लूट चुका है। से मिलने के लिए उक्त स्थल पर मैं पहुँचा तो वहाँ पर वयस मुनि व थाने के कुछ कर्मचारियों द्वारा मुझे घुड़की दी जाने लगी व मेरे कर्मचारियों के साथ धक्का मुक्की होने लगी तब मैं बीच बचाव करते हुए कहने लगा कि यदि कोई गलती हुई है तो थाने चलिए वही पर बात कर लेते है। मेरे इतना कहते ही व्यसमुनि व जसके साथियो ने मुझ पर हमला कर दिया , मेरे साथ मारपीट होती देख मेरे यहाँ कार्यरत कर्मचारी दौड़ कर मुझे बचाने लगे, जिस पर आग बबूला व्यसमुनि व उसके साथियों द्वारा अश्लील गालिया माँ बहन की देते हुए कहा रहे थे चल थाने तेरा स्वागत टी आई से करवाता हु। तुझे पता नही है कि मैं पत्रकार हु और टी आई से मेरे काफी नजदीकी संबंध है । ऐसी रिपोर्ट लिखवाऊंगा की तू और तेरी गाड़ी और लड़के कभी छूटेंगे नही। और हुआ भी वही थानेदार द्वारा मुझे व मेरे यहाँ कार्यरत कर्मचारियों के ऊपर बिना जाँच पड़ताल के झूठा व मनगढंत केस दर्ज कर दिया गया, वही ख्वाजा अफरोज ने आरोप लगाते हुए बताया की थानेदार और व्यसमुनि की मिलीभगत के किस्से जगज़ाहिर है। जब यह सब हो गया तो मैं अपने संघ में इस सारी घटना के बारे में बताया तो र मटीरियल संघ अध्यक्ष द्वारा न्याय की बात कही व मेरे साथ घटित हुई घटना पर रोष जताते हुए इस बावत प्रेस क्लब में कांफ्रेस कर उच्च अधिकारियों को ज्ञापन भी सौपा गया
एक साल बाद भी नहीं क्यू नहीं हुआ फरियादियो का मेडिकल
वही पीडितो ने आरोप लगाते हुए बताया की हम पर जब हमला किया गया तो उस वक़्त हमारे शरीर में चोटों के निशान थे ,खून शरीर के विभिन्न हिस्सों से निकल रहा था , जब हम विधानसभा थाने पहुचे तो थाना अधिकारी ने हमें यह कहते हुए भगा दिया की ये सब जो चोटे दिखा रहे हो इस से मर नहीं जाओगे ,मामूली सी चोटों के लिए मेरा वक़्त बर्बाद मत करो ,जो मैंने कहा है उसका इंतज़ाम एक हफ्ते के अन्दर करवाओ नहीं तो बचोगे नहीं, वही आज दिंनाक तक कोई कार्यवाही नही हुई, और न ही आज दिनांक तक हमारा मेडिकल ही करवाया गया, अब न्याय के लिए हम किस के दरवाजे जाए, कानून के रखवाले ही जब सारे आम कानून की धज्जियां उड़ाते फिरेंगे तो फरियादी को न्याय कैसे मिलेगा???
रिपोर्ट लिखाने की एवज में 50 हजार रुपए की मांग
विधानसभा राज्य का पहला थाना जहाँ पर फरियादी को अपने ऊपर हुए जुल्म की दास्तां बताने के एवज में 50 हजार रुपए की मांग की जाती है। फरियादी व उनके साथियों की माने तो पूर्व में उनके साथ घटित घटना के लिए थानेदार द्वारा 50 हज़ार रुपए की माँग की गई थी, पैसा न दे पाने की स्थिति में आज दिनांक तक फरियादी की फरियाद सुनने वाला कोई नही। फरियादी अफ़रोज़ ख्वाज़ा ने आरोप लगाते हुए बताया कि थाने में जब हमने पैसा नही दिया तो हमारी एफ आई आर नही लिखी गई, न्याय के लिए मैंने व मेरे साथियो ने पुलिस अधीक्षक, व सभी उच्च अधिकारियों को अपनी व्यथा पत्र के मध्य से सुनाई परंतू मेरी कही कोई फरियाद सुनने वाला नही, आज तो स्थिति इतनी भयवाह हो गई है कि हमारे यहाँ कार्यरत मोटर चालको की भी पेमेंट देने की समस्या आन खड़ी है। इतनी मोटी रकम यदि मैं पूर्व के थानेदार को दे देता तो मेरा व मेरे अधीनस्थ कर्मचारियों के यहाँ भूखों मरने की नॉबत आजाती, हम लोग रोज कमाने खाने वाले लोग है । इतनी बड़ी रकम का इंतजाम कहाँ से करेंगे, ऊपर से व्यसमुनि के पत्रकार साथियो का पुलिस में बढ़ता दवाब हमे ही कटघरे में खड़ा कर रहा, उस दिन के सारे आडियो वीडियो जब कि प्रमाण स्वरूप भी मैंने पुलिस को दिखाए परंतू कोई भी कुछ कहने सुनने को तैय्यार नही ,थानेदार लाक्षमन कुमेठी के बारे में बताते हुए फरियादियों के गले रुँध गए, न्याय के लिए दर दर भटक रहे 12 परिवार पर थानेदार का जो कहर टूटा है। शायद ही वो कभी इस से उबर पाएंगे,
रोजी रोटी को मोहताज 12 परिवारों पर उमड़ा संकट
अब यह बात बिलकुल भी गले नहीं उतर रही की साल भर पहले दिनांक 1/05/18 की लूट मारपीट गाली गलौच की घटना पर फरियादी की रिपोर्ट क्यू नहीं लिखी गई ,प्रार्थी जबकि उस घटना से सम्बंधित सारे डोकुमेट्स ,वइस रिकार्डिंग विडियो फूटेज ले कर दर दर भटकता रहा तो ,उसकी फ़रियाद क्यू नहीं सुनी गई ????Tv पर हमेशा विज्ञापन आता है दाग ढूंढते रह जाओगे, दाग मिले न मिले, पर विधानसभा थाना में न्याय नही मिलेगा, कुछ यही हाल एक साल पहले एक घटना की याद दिलाती है जिसमे पत्रकार का चोला और खनिज अधिकारी का लबादा ओढ़े बहरूपिया व्यास मुनि द्वारा रचित सडयंत्र के शिकार 12 परिवारो पर रोजी रोटी के लाले पड़ गए, थानेदार से मिली भगत कर फर्जी एफ आई आर रच कर गरीबो से पैसा ऐंठने का सिलसिला नही थमा
मामले को रफा दफा कर लो नही तो…….
कार्यवाही के नाम पर उल्टा फरियादी को डराया धमकाया जा रहा है। कि व्यसमुनि बड़ा पत्रकार है। और थाना प्रभारी उसके फेवर में है। मामले को रफा दफा कर लो नही तो पुलिस पत्रकार मिल कर तुम्हारा जीना मुश्किल कर देंगे, सारी जिंदगी जेल से बाहर नही निकल पाओगे, अब इस स्थिति में फरियादी जाए तो जाय कहा,
सवाल यह भी उठता है की व्यसमुनि मुनि जैसे चंद दलालो के हाँथो की कठपुतली बन कर कानून के रखवाले कब तक सौदेबाजी कर निरीह और मासूम लोगो को फसाते रहेंगे