देश में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 2.5 किलोग्राम: आईएसएसडीए
नयी दिल्ली
देश में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत बढ़कर 2.5 किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई है। इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईएसएसडीए) ने सोमवार को यह बात कही। एसोसिएशन ने बयान में कहा कि 2010 में स्टेनलेस स्टील की प्रति व्यक्ति खपत 1.2 किलोग्राम थी। यह 2019 में बढ़कर 2.5 किलोग्राम हो गई है। इस दौरान , खपत में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। बयान में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के हवाले से कहा गया है , " देश में स्टेनलेस स्टील की मांग सालाना आधार पर 6-7 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। यह विश्व में सबसे अधिक है। स्टेनलेस स्टील की मांग सीधे आर्थिक वृद्धि से जुड़ी है। "
आईएसएसडीए के अध्यक्ष के . के . पाहुजा ने कहा कि एसोसिएशन ने नए स्टेनलेस स्टील के उपयोग को बढ़ावा दिया है। स्टेनलेस स्टील के लिए अब भारत सबसे तेजी से बढ़ता बाजार है। उन्होंने कहा कि 2.5 किलोग्राम खपत का लक्ष्य हासिल करने के साथ भारत महत्वपूर्ण स्तर पर पहुंच गया है और उन देशों की सूची में शामिल हो गया है , जहां स्टेनलेस स्टील खपत में उच्च वृद्धि दर्ज की गई है। आईएसएसडीए ने कहा कि आसियान , जापान और कोरिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते के कारण वहां के उत्पादों को आने में कम रुकावट से मांग – आपूर्ति की स्थिति खराब हुई है और इसका घरेलू विनिर्माताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। एसोसिएशन ने कहा , " एमएसएमई (सूक्ष्म , लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र में करीब आधे उद्योग सस्ते आयात से प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा , स्टेनलेस स्टील कबाड़ और फेरो निकेल जैसे प्रमुख कच्चे माल की अधिक लागत भारतीय उत्पादों को कम प्रतिस्पर्धी बनाते हैं। एसोसिएशन ने इन मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाया है और घरेलू उद्योग की मुश्किलों को दूर करने पर काम कर रहा है।