November 24, 2024

भाई की कंपनी खरीदने से पीछे हटे मुकेश अंबानी

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 कोलकाता
भारती एयरटेल, भारती इन्फ्राटेल और प्राइवेट इक्विटी कंपनी वेर्दे पार्टनर्स इंक सहित 6 कंपनियों ने दिवालिया कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसकी सब्सिडियरी रिलायंस टेलिकॉम (RTL) और रिलायंस इन्फ्राटेल की संपत्तियों को खरीदने के लिए बोली लगाई है, लेकिन हैरत की बात यह है कि इस रेस में रिलायंस जियो इन्फोकॉम शामिल नहीं है।

13 तारीख को खुलेगी बोलियां
कहा जा रहा था कि मुकेश अंबानी की कंपनी जियो ने बोली लगाने के लिए आरकॉम के रिजॉल्यूशन प्रफेशनल (RP) से 10 दिनों की मोहलत मांगी थी, जबकि इसकी डेडलाइन 11 नवंबर को खत्म हो गई। इस मामले से वाकिफ सूत्र ने यह जानकारी दी है। आरकॉम को कर्ज देने वाले बैंकों की समिति (CoC) 13 नवंबर को ये बोलियां खोलेगी।

डेलॉयट देख रही कामकाज
नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) ने रिजॉल्यूशन प्रफेशनल डेलॉयट को आरकॉम और उसकी दो इकाइयों का कामकाज देखने को कहा है। उसने इस मामले का निपटारा 10 जनवरी तक करने का निर्देश भी दिया है। इसी साल पहले जियो सहित करीब दर्जनभर कंपनियों ने आरकॉम और उसकी इकाइयों के लिए अभिरुचि पत्र दायर किया था। इस मामले में आरकॉम के रिजॉल्यूशन प्रफेशनल, भारती एयरटेल, भारती इन्फ्राटेल और वेर्दे पार्टनर्स से ईमेल से पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं मिला था।

आरकॉम पर 46 हजार करोड़ का कर्ज
आरकॉम और उसकी इकाइयों पर 46 हजार करोड़ का कर्ज है और अभी दिवालिया अदालत के जरिये उनकी संपत्ति बेचकर इसकी रिकवरी की कोशिश हो रही है। इन कंपनियों की संपत्ति में स्पेक्ट्रम, टावर, फाइबर आदि शामिल हैं, जिनके लिए बोली लगाई गई है। आरकॉम के पास देश के 22 सर्किल में से 14 में स्पेक्ट्रम हैं। उसके पास 43 हजार टेलिकॉम टावर हैं, जिन्हें वह रिलायंस इन्फ्राटेल के तहत ऑपरेट कर रही थी। कंपनी के पास रियल एस्टेट एसेट्स भी हैं।

आरकॉम का क्रेडिटर्स से है विवाद
इस बीच, आरकॉम का दूरसंचार विभाग और अन्य ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के साथ कानूनी विवाद भी चल रहा है। माना जा रहा है कि इन सबने कंपनी पर 90 हजार करोड़ रुपये का दावा किया है। जियो पहले आरकॉम के वायरलेस बिजनस को खरीदने के करीब पहुंच गई थी, लेकिन दूरसंचार विभाग के स्पेक्ट्रम की लायबिलिटी पर तस्वीर साफ करने की मांग से डील टूट गई। इसके बाद आरकॉम ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दी।

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