वोडाफोन के CEO ने कहा, भारत में स्थिति नाजुक, कंपनी का भविष्य अधर में
नई दिल्ली
वोडाफोन ने कहा है कि भारत में उसका भविष्य तबतक अधर में रहेगा जबतक सरकार ऑपरेटरों पर ज्यादा टैक्स और चार्ज लगाती रहेगी। उसका इशारा सरकार की तरफ से लगाई गई लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज की तरफ था। वोडाफोन के CEO निक रीड ने मंगलवार को कहा, 'असहयोगी रेग्युलेशन और बहुत ज्यादा टैक्स की वजह से वित्तीय तौर पर हम पर बहुत बड़ा बोझ है। इन सबसे ऊपर सुप्रीम कोर्ट में भी हमारे अनुकूल फैसला नहीं आया।'
सरकार ने वोडाफोन-आइडिया पर लाइसेंस फी और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज के तौर पर करीब 40,000 करोड़ रुपये चुकाने को कहा था। सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा है।
भारत में टेलिकॉम ऑपरेटरों के भविष्य पर टिप्पणी करते हुए वोडाफोन के सीईओ ने कहा, 'यह कहना सही होगा कि स्थिति नाजुक है।' पिछले महीने इस ब्रिटिश ऑपरेटर ने स्पष्ट किया था कि वह इंडियन मार्केट में निवेश करना जारी रखेगा और उसने मौजूदा चुनौतीपूर्ण समय में सरकार से समर्थन मांगा था।
वोडाफोन ग्रुप ने अपने बयान में कहा था, 'वोडाफोन को कुछ भारतीय मीडिया में चल रहे झूठे और आधारहीन अफवाहों की जानकारी है, जिसमें कहा जा रहा है कि हमने मार्केट से बाहर निकलने का फैसला किया है। हम साफ-साफ कहना चाहते हैं कि ये रिपोर्ट्स सच नहीं हैं और विद्वेषपूर्ण हैं।'
वोडाफोन ने सरकार से राहत पैकेज की मांग की है जिसमें 2 साल के स्पेक्ट्रम पेमेंट को खत्म करने, लाइसेंस फी और टैक्सों को कम करने, सुप्रीम कोर्ट वाले मामले में ब्याज और जुर्माने को माफ करने की मांग शामिल है।