अर्थव्यवस्था में सुस्ती से बिजली की मांग में आई कमी, कई राज्यों में बिजली उत्पादन 25% से ज्यादा गिरा

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नई दिल्ली
 पहले से फंसे कर्जे, बिजली चोरी की समस्या से जूझ रहे देश के बिजली सेक्टर की समस्याएं विकराल होती जा रही हैं। अर्थव्यवस्था की सुस्ती से बिजली की मांग में बड़ी कमी आने लगी है। ऐसे में देश के बिजली उत्पादन संयंत्रों ने भी अपने उत्पादन में भारी कटौती शुरू कर दी है। देश के केंद्रशासित प्रदेशों समेत 33 राज्यों में बिजली संयंत्र हैं और अक्टूबर, 2019 के लिए जारी आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 23 राज्यों में बिजली उत्पादन अक्टूबर, 2018 के मुकाबले कम हुआ है।

स्थिति की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक, केरल जैसे छह राज्यों में बिजली उत्पादन की कटौती 25 फीसद से ज्यादा है। पूरे देश में बिजली उत्पादन 12.88 फीसद घटा है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि देश में बिजली की मांग भी 12 फीसद घट गई है। केंद्र सरकार की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर, 2019 में बिजली की मांग 9,809.3 करोड़ यूनिट रही है जबकि एक वर्ष पहले यानी अक्टूबर, 2018 में मांग 11,145.5 करोड़ यूनिट रही थी।

कुल उत्पादन इस दौरान 11,350.743 करोड़ यूनिट से घटकर 9,888.673 करोड़ यूनिट रहा है। इस गिरावट का सबसे अहम कारण औद्योगिक मांग में कमी को ही बताया जा रहा है। सोमवार को ही ऑटोमोबाइल और देश में औद्योगिक उत्पादन का जो डाटा जारी किया गया है, उससे साफ है कि हर तरह के उद्योग में सुस्ती है। उपभोग के आधार पर विभाजित 23 उद्योगों में से 17 में विकास दर नकारात्मक रही है।

अगर बिजली उत्पादन को क्षेत्रवार विभाजित कर देखें तो उत्तरी क्षेत्र में इसमें 17.36 फीसद, पश्चिमी क्षेत्र में 13.71 फीसद, दक्षिणी क्षेत्र में 14.03 फीसद, पूवरेत्तर क्षेत्र में 2.62 फीसद व पूर्वी क्षेत्र में 5.73 फीसद की गिरावट हुई है। पश्चिमी, दक्षिणी व उत्तरी राज्यों में सबसे ज्यादा बिजली का उत्पादन होता है और औद्योगिकी तौर पर भी ये क्षेत्र सबसे ज्यादा समृद्ध हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में बिजली उत्पादन में भारी गिरावट सुस्ती की ओर इशारा कर रहा है।

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