भगवान राम ने जहां काटा वनवास, कमलनाथ सरकार बनाएगी वहां ‘श्रीराम वन गमन पथ’ कॉरिडोर
भोपाल
अयोध्या मामले पर मोदी सरकार के श्रेय लेने के जवाब में अब एमपी की कमलनाथ सरकार (Kamal Nath government) ने प्रदेश में 'श्रीराम वन गमन पथ कॉरिडोर' (Sri Ram Van Gaman Path' corridor)को विकसित करने का एलान कर दिया है. मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राममंदिर के निर्माण के फैसले को अपनी जीत के तौर पर देख रही है. अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने वाली कांग्रेस ने अब मोदी सरकार के श्रेय लेने का जवाब तैयार कर लिया है. भगवान राम वनवास के दौरान मध्य प्रदेश के चित्रकूट में काफी समय ठहरे थे. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने प्रदेश में भगवान राम जहां-जहां रहे उन स्थानों को बड़े धार्मिक तीर्थ के रूप में विकसित करने का प्लान तैयार किया है.
सॉफ्ट हिंदुत्व छवि को मजबूत करने के लिए कांग्रेस सरकार अब 22 करोड़ रुपए खर्च कर 'श्रीराम वन गमन पथ' कॉरिडोर को तैय़ार करने में जुट गई है. इसके तहत श्राइन बोर्ड कॉम्प्लेक्स, धर्मशालाएं, यात्रियों के लिए पैदल ट्रैक और साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा. इसके लिए कमलनाथ सरकार आगामी विधानसभा सत्र में पेश होने वाले सप्लीमेंट्री बजट में राशि का प्रावधान करने की तैयारी में है. एमपी की कांग्रेस सरकार ने राम के नाम को प्रदेश में बड़ा करने के लिए जो प्लान तैयार किया है उसके तहत रामपथ वन गमन को विकसित किया जाएगा.
इसे सरकार धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करेगी. कॉरिडोर में धार्मिक और वन पर्यटन की साझेदारी होगी. भगवान राम के वनवास काल वाले चित्रकूट की तस्वीर बदली जाएगी. चित्रकूट में कामदगिरि के दर्शन परिक्रमा को विकसित किया जाएगा. राम पथ कॉरिडोर में चित्रकूट, पन्ना, बधवारा (कटनी), रामघाट (जबलपुर), राम मंदिर तालाब, रामनगर मंडला, शहडोल, डिंडौरी और अमरकंटक को विकसित किया जाएगा.
सरकार की कोशिश है कि बीजेपी सरकार में सिर्फ कागजों में सिमटे रहे रामपथ कॉरिडोर को धरातल पर उतार कर अपनी सॉफ्ट हिंदुत्व की छवि पेश की जाए. हालांकि बीजेपी, कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है. फिलहाल, कांग्रेस ने कॉरिडोर विकसित करने का एलान कर जता दिया है कि रामभक्ति में कांग्रेस पार्टी बीजेपी से कहीं आगे है.