सूचना का अधिकार में समय पर जानकारी नहीं देने के कारण लिपिक पर गिरी गाज, दो वेतन वृद्धि रुकी
कवर्धा
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदक को समय पर जानकारी नहीं देने के लिए राज्य सूचना आयोग ने जनपद पंचायत बोड़ला में कार्यरत श्री गौकरण विश्वकर्मा, सहायक ग्रेड-02 को दोषी माना तथा कार्यवाही हेतु अनुशंसित किया गया। जिसके परिपालन में जिला पंचायत सीईओ श्री कुन्दन कुमार ने संबंधित लिपिक का दो वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर कड़ी कार्यवाही की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बोड़ला में आवेदक ने तीन अलग-अलग आवेदन प्रस्तुत कर विभिन्न विषयों से संबंधित जानकारी मांगी थी। लेकिन संबंधित लिपिक द्वारा आवेदन के निराकरण में घोर लापरवाही बरती गयी जबकि, जनसूचना अधिकारी एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बोड़ला के द्वारा समय पर जानकारी देने के लिए निर्देश दिया गया था। जानकारी नहीं मिलने पर जिला पंचायत में प्रथम अपील आवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रथम अपील आवेदन में दिये गये निर्णय का भी पालन श्री गौकरण विश्वकर्मा द्वारा नहीं किया गया। जब यह मामला राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील के तौर पर सुनवाई के लिए प्रस्तुत हुआ तो तस्तावेज परिक्षण में और समक्ष में लिए गये जवाब में इन्हें दोषी पाया गया। अयोग ने दोषी कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के की अनुशंसा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम को की थी।
जिला पँचायत सीईओ श्री कुन्दन कुमार ने बताया की त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सूूचना का अधिकार अधिनियम लागु है। जिसमें आवेदक द्वारा मांगी गई जानकारी का निराकरण 30 दिनों के भीतर किया जाना होता है। यदि समय पर जानकारी नहीं दी जाती है, तो प्रकरण अपील के लिये नियत होता है। राज्य सूचना आयोग के समक्ष यह प्रकरण अपीलार्थी ने समय पर जानकारी नहीं मिलने के कारण प्रस्तुत किया था। दोषी पाये जाने पर श्री गौकरण विश्वकर्मा का आगामी दो वार्षिक वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जिला पंचायत द्वारा जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार के तहत किसी भी स्तर पर विभागीय लापरवाही प्राप्त होती है तो संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी।