19 साल में विद्युत खपत में 474.67 प्रतिशत की वृद्धि
रायपुर
जल, जंगल खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य छत्तीसगढ़ में विद्युत विकास के क्षेत्र में रिकार्ड तोड़ कार्य किए गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर विद्युत विकास के मामले में छत्तीसगढ़ ने लंबी छलांग दर्ज की है। अपने 19 वें वर्ष को पूर्ण करते हुए छत्तीसगढ़ विद्युत से विकास का गढ़ बन गया है। राज्य स्थापना के समय प्रति उपभोक्ता विद्युत खपत 300 केडब्लूएच थी, जो कि अब बढक? 1724 केडब्लूएच हो गई है। विद्युत खपत में 474.67 प्रतिशत की वृद्धि इस बात को दशार्ती है कि प्रदेश के उपभोक्ता सहज और सस्ती बिजली का अधिकाधिक लाभ ले रहे हैं।
राज्य स्थापना दिवस पर पॉवर कंपनीज द्वारा अर्जित उपलब्धियों की जानकारी देते हुए चेयरमेन शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ देश का एक अकेला ऐसा राज्य है, जो कि देश की स्थापित क्षमता में 12 से 13 प्रतिशत योगदान देता है। राज्य स्थापना के समय छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर जनरशन कंपनी की क्षमता 1360 मेगावॉट थी, जो कि आज बढक? 3424.70 मेगावॉट हो गई है, अर्थात 2064.70 मेगावॉट की वृद्धि की गई। उन्होंने बताया कि धान का कटोरा नाम से विख्यात छत्तीसगढ़ अब पॉवर हब आफ इंडिया और जीरो पॉवर कट स्टेट के नाम से भी जाना जाता है। बिजली के बूते कृषि, उद्योग जगत में छत्तीसगढ़ में विकास की क्रांति आ गई है। राज्य स्थापना के समय विद्युतीकृत पंपों की संख्या करीब 73 हजार थी जो आज बढक? करीब साढ़े चार लाख तक जा पहुंची है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसान ऊजीर्कृत पंपों से बारहों महीना फसल लेने सक्षम बन गए हैं। प्रदेश के सभी 19567 गांव विद्युतीकृत हो गए हैं। साथ ही सुदूर ग्रामीण अंचलों के लगभग 38 हजार मजरा-टोलों तक बिजली पहुंचाने में कामयाबी मिली है। प्लांट लोड फेक्टर और ट्रांसमिशन केपिसिटी के मामलों में नेशनल लेबल पर छत्तीसगढ़ की गिनती आज अग्रणी राज्यों में हो रही है। प्रदेश की ट्रांसमिशन क्षमता 8169 एमव्हीए तक जा पहुंची है, जबकि राज्य गठन के समय यह 1257 एमव्हीए थी। अर्थात 549.88 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
चेयरमेन शुक्ला ने बताया कि राज्य स्थापना के समय मात्र 27 अति उच्च दाब उपकेन्द्र थे, आज पारेशण प्रणाली को उन्नत बनाने 120 अति उच्च दाब उपकेन्द्र क्रियाशील किए गए है। रायपुर में प्रथम गैस बेस्ड सबस्टेशन की स्थापना की गई। सर्वाधिक बिजली आपूर्ति 4760 मेगावॉट का कीर्तिमान भी चालू वित्तीय वर्ष में रचा गया है। राज्य स्थापना के समय अधिकतम विद्युत मांग 1334 मेगावॉट थी, जिसमें 256.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। विद्युत व्यवधान के आटोमेटिक रिस्टोरेशन हेतु मध्य भारत का सबसे बड़ा स्काडा सेंटर छत्तीसगढ़ रायपुर में स्थापित किया गया हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में उपलब्ध भरपूर बिजली का लाभ विभिन्न श्रेणी के लगभग 57 लाख उपभोक्ताओं को देते हुए सेवा सुविधाओं में लगातार वृद्धि की जा रही है। प्रदेश इतिहास में पहली बार निम्नदाब उपभोक्ताओं के लिए 'हाफ रेट पर बिजलीझ् योजना आरंभ की गई है, जिसमें प्रथम 400 यूनिट बिजली खपत का भुगतान आधे दर पर करने की छूट दी गई है, इससे आम गरीबजनों के जीवन स्तर में बड़ी खुशहाली आई है।