कश्मीर गए EU सांसदों ने पाक की पोल खोली, आतंक पर कोसा
श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर गए 23 EU सांसदों की प्रेस कॉन्फ्रेंसEU सांसदों ने दौरे को छोटा और सफल बतायाओवैसी के बयान पर EU सांसदों की तीखी प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर दौरे पर आए यूरोपीय सांसदों के दल ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डेलिगेशन की ओर से कहा गया कि भारत एक शांतिप्रिय देश है और कश्मीर के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में EU सांसदों ने कहा कि हमारे दौरे को राजनीतिक नज़र से देखा गया, जो बिल्कुल ठीक नहीं है. हम सिर्फ यहां पर हालात की जानकारी लेने आए थे. अनुच्छेद 370 को इन सांसदों ने भारत का आंतरिक मसला बताया और कहा कि भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए.
ओवैसी के बयान पर दिया जवाब
प्रेस कॉन्फ्रेंस में EU सांसदों की ओर से कहा गया कि हम लोग नाज़ी लवर्स नहीं हैं, अगर हम होते तो हमें कभी चुना नहीं जाता. उन्होंने इस शब्द के प्रयोग पर काफी आपत्ति भी जताई. बता दें कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने EU सांसदों की तुलना नाज़ी लवर्स से की थी और उनपर निशाना साधा था.
आतंकवाद के खिलाफ यूरोप भारत के साथ
सांसदों ने आतंकवाद के मसले पर कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ हैं, आतंकवाद का मसला यूरोप के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. जब उनसे सवाल पूछा गया कि क्या वह इस दौरे की रिपोर्ट यूरोपीय संसद में जमा करेंगे, तो उन्होंने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे.
370 भारत का आंतरिक मसला
अनुच्छेद 370 के बारे में उन्होंने कहा कि ये भारत का आंतरिक मसला है, अगर भारत-पाकिस्तान को शांति स्थापित करनी है तो दोनों देशों को आपस में बात करनी होगी. अपने घाटी के दौरे के बारे में EU सांसदों ने कहा कि हमें वहां रहने का ज्यादा वक्त नहीं मिला, हम अधिक लोगों से नहीं मिला था. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि वहां ना जाने से बेहतर थोड़े समय के लिए जाना ही रहा.
कश्मीर दौरे पर EU सांसदों ने क्या किया?
गौरतलब है कि मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में यूरोपीय संसद के 23 सांसद श्रीनगर पहुंचे थे. यहां पर इन सांसदों ने स्थानीय नेताओं, अधिकारियों, सरपंचों से मुलाकात की थी. इसके अलावा सभी सांसद श्रीनगर की मशहूर डल झील भी गए थे. कश्मीर घाटी के हालात पर इन सांसदों को भारतीय सेना ने प्रेजेंटेशन भी दी थी.
श्रीनगर जाने से पहले इन सांसदों के दल ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात में भी जम्मू-कश्मीर के हालात पर विस्तार से चर्चा हुई थी.
EU सांसदों के इस दौरे पर भारत में राजनीतिक हलचल तेज हुई थी और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस दौरे का विरोध किया था. दरअसल, विरोध का कारण था कि भारत सरकार के द्वारा कई विपक्षी दलों के नेताओं के कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी लेकिन इन सांसदों को ये मौका मिला, ऐसे में कांग्रेस ने सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए थे.
'जानकारी हासिल करने कश्मीर आए'
यूरोपीय संसद के सदस्य थियरी मरियानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं करीब 20 बार भारत आ चुका हूं। इससे पहले दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में गया था। हमारा लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं। एक सांसद ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक समस्या है, जिससे हम सभी लोग जूझ रहे हैं। इस मसले पर हमें भारत का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमने अपने दौरे में ऐक्टिविस्ट्स से मुलाकात की, जिन्होंने शांति को लेकर अपना विजन बताया। मरियानी ने कहा कि हमने सिविल सोसायटी के लोगों से भी मीटिंग की।