November 22, 2024

सेल्फी की वजह से संकट में गुरिल्ला की यह प्रजाति, सर्दी-जुकाम दे रहे लोग

0

कंपाला 
लोग कई बार सेल्फी लेने के लिए इनके उत्सुक होते हैं कि इससे होने वाले नुकसान को नजरअंदाज कर देते हैं। इन सेल्फी वालों से गुरिल्ला भी परेशान हैं। लोग माउंटेन गुरिल्ला के साथ सेल्फी लेने के लिए इतने पास चले जाते हैं कि अपना जुकाम भी उन्हें दे बैठते हैं। और फिर जानवरों को भी इंसानों की इस समस्या से जूझना पड़ता है। गुरिल्ला की दुर्लभ प्रजाति लोगों की हरकत की वजह से संकट में है। 
आम तौर पर चिड़ियाघर या अन्य जगहों पर बंदरों और गुरिल्ला से सात मीटर दूर रहने की सलाह दी जाती है लेकिन सोशल मीडिया पर जानवरों के साथ लोगों की सैकडों तस्वीरें हैं जिनमें वे बेहद पास खड़े हैं। युगांडा में जानवरों की सुरक्षा को लेकर एक कार्यक्रम करवाया गया जिसमें एक विशेषज्ञ ने कहा कि सोशल मीडिया पर तस्वीरें पोस्ट करने के लिए लोग ज्यादा अच्छी तस्वीर चाहते हैं और इसी लालच में वे जानवरों के प्रति अपने व्यवहार पर भी ध्यान नहीं देते। 

ऑक्सफर्ड ब्रुक्स यूनिवर्सिटी के प्रफेसर गैसपार्ड ने कहा, 'छोटे गुरिल्ला के पास ज्यादा लोग जाते हैं और इन्हें आसानी से बीमारियां भी दे देते हैं।' माउंटेन गुरिल्ला रवांडा, युगांडा और रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो में ही माउंटेन गुरिल्ला की प्रजाति पाई जाती है और इन्हें दुर्लभ प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है। इनकी संख्या मात्र 1004 रह गई है। 1980 के बाद उनकी संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है लेकिन इनमें सांस की बीमारियां भी देखी गई हैं। रवांडा में 12 में से 11 गुरिल्ला ऐसे पाए गए जिनको कफ की समस्या थी। इनमें से पांच को डॉक्टर ऐंटीबॉयटिक दे पाए लेकिन दो गुरिल्लों की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में पाया गया कि वे ऐसे वायरस से ग्रसित थे जो कि सामान्य तौर पर इंसानों में पाया जाता है। इन तीनों देशों ने गुरिल्ला देखने के लिए जंगल जाने की अनुमति तो दी है लेकिन सात मीटर दूर रहने की हिदायत भी दी है। यहां एक वैन के जरिए निगरानी भी की जाती है। 

इस मामले में लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले गए तो पाया गया कि लगभग सभी सात मीटर से कम दूरी से फोटो ले रहे हैं। इसके अलावा 20 तस्वीरें ऐसी पाई गईं जिनमें लोग गुरिल्ला के साथ फिजिकल कॉन्टैक्ट में हैं। इन जंगलों की देखभाल करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि इनकी देखरेख में काफी खर्च होता है इसलिए रेवेन्यू के लिए लोगों को आने की अनुमति दी जाती है। कई जानकारों का कहना है कि यहां नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए और सजा का भी प्रावधान होना चाहिए। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *